panna. नगर निकाय चुनाव का गुणा-भाग जारी है। जो नेता खुद को दावेदार बताने में असफल हो रहे हैं वह दल बदल की राजनीति में उतर आए है। छिटके नेताओं के मामले में कांग्रेस आगे है। हीरा की खान पन्ना की राजनीति में दलबदल की एक बात सामने आई हैं यहां के जिले के प्रतिष्ठित व्यवसाई, नगर पंचायत अजयगढ़ के अध्यक्ष रह चुके राजकुमार जैन ने कांग्रेस का साथ छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया। शुक्रवार को राजकुमार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने भोपाल में भाजपा की सदस्यता दिलाई।
दो बार स्वयं एक बार पत्नी बनी अध्यक्ष
राजकुमार जैन पन्ना का जाना-माना नाम है वह अजयगढ़ नगर पंचायत क्षेत्र की रजनीति में अच्छी खासी पैठ रखते हैं। बताते हैं कि अजयगढ़ नगर पंचायत के स्वयं दो बार अध्यक्ष रहे इनके अलावा पत्नी चंदा जैन एक बार अध्यक्ष बनी। राजकुमार जैन व्यवसायी होने के साथ राजनीतिक महत्वाकांक्षा भी रखते हैं। इसी मंशा के चलते उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व मुख्यमंत्री से अध्यक्षी का आश्वासन व हरी झंडी मिलने के बाद ही कई घाट का पानी पी चुके कांग्रेस के राजकुमार ने यह दांव खेला है। इसमें वे कितना सफल होते हैं, यह आने वाला वक्त बताएगा। हालांकि वह दो बार पार्षद का चुनाव हार भी चुके हैं। गौरतलब है कि अजयगढ़ नगर पंचायत में कुल 15 वार्ड हैं तथा अध्यक्ष का पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित है।
अजय सिंह के खेमे के नेता और साइकिल की सवारी
कांग्रेस के नेता हो और अजय सिंह का नाम न आए ऐसा नहीं हो सकता। राजकुमार भी इन्हीं के खेमे के नेता कहे जाते हैं इसके बाद भी उन्होने बगावत कर दी थी। 14 साल पहले उन्होने बड़ा राजनीतिक दांव खेला था। हाथ से बागी होकर साइकिल की सवारी कर ली थी। वर्ष 2008 में राजकुमार जैन ने समाजवादी पार्टी की टिकट पर विधानसभा पन्ना से चुनाव लड़ा था। तब वह तीसरे नंबर पर रहे। राजकुमार को 19800 वोट मिले थे। इस चुनाव में कांग्रेस के श्रीकांत दुबे विधायक चुने गए थे उन्हें 22583 वोट मिले थे। इस समय कुसुम महदेले ने बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ीं थीं। जब सफल नहीं हुए तो फिर कांग्रेसी बन गए।
कांग्रेसियों ने कहा-पलटी मारना उनके स्वभाव में है
कांग्रेस में जिला कोषाध्यक्ष और नगर पंचायत अजयगढ़ के अध्यक्ष रह चुके जैन इस बार भी अध्यक्ष की कुर्सी के लिए बिसात बिछा रहे। अजयगढ़ क्षेत्र के कांग्रेसजनों का कहना है कि कांग्रेस में जब इनकी अध्यक्ष बनने की ख्वाहिश पूरी होती नहीं दिखी तो उन्होंने अपने स्वभाव के अनुरूप पलटी मारी है ताकि अध्यक्ष पद हथिया सकें। लेकिन उनकी यह मंशा सहजता से पूरी हो पायेगी, इसकी संभावना कम ही दिखती है। इसकी वजह यह बताई जा रही है कि भाजपा के कई प्रभावशाली स्थानीय नेता भी अध्यक्ष पद की दावेदारी के साथ अपने वार्डों से चुनाव के मैदान में हैं। इन हालातों में श्री जैन को स्थानीय भाजपा नेताओं के अंदरूनी विरोध का सामना भी करना पड़ सकता है।