संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर के भगोड़े और इनामी भूमाफिया नीलेश अजमेरा (भूमाफिया चंपू अजमेरा का भाई) की एक और जमीन धोखाधड़ी सामने आ रही है। इसे लेकर पीड़ित पक्ष ने नीलेश के खिलाफ सार्वजनिक सूचना भी जारी कर दी है। अजमेरा ने यह जमीन बेचने के लिए क्रिस्टूल डेवकान प्रालि इंदौर तर्फे डायेरक्टर अनुराग दत्त से से सौदा किया था, लेकिन सौदा करार के बाद भी जमीन की रजिस्ट्री नहीं की और अब जमीन के दाम अधिक होने के बाद इसे दूसरे को बेचने की तैयारी का जा रही है।
यह जमीन का मामला
जानकारी के अनुसार मेसर्स गोल्डमेन इन्फ्रा तर्फे नीलेश अजमेरा ने क्रिस्टल डेवकान के साथ देवगुराडिया की सर्वे नंबर 8/1/1, 8/1/2, 8/1/5 की कुल 1.223 हेक्टेयर जमीन का रेशो डील का सौदा किया था। इसके लिए एडवांस राशि भी ली। इसके अनुसार इस राशि से मेसर्स गोल्डमेन इन्फ्रा मूल स्वामी से क्रिस्टल देवकान प्रालि इंदौर के नाम पर रजिस्ट्री कराएंगे। इसके आधार पर कॉलोनी विकसित कर प्लाट बेचे जाएंगे। लेकिन आज दिनांक तक यह रजिस्ट्री नहीं हुई है। इसे लेकर जनवरी 2023 में भी सावधान की जाहिर सूचना जारी की थी जो नीलेश के खिलाफ थी। सूचना में यह भी कहा गया है कि नीलेश अजमेरा बदनियति रखकर काम कर रहा है। वह खुद व अपने विश्वस्त लोगों के जरिए जमीन के सौदे कर रहा है।
इधर पुलिस कमिशनर बोले भूमाफियाओं को बाउंडओवर करेंगे
इधर पुलिस कमिशनर मकरंद देउस्कर का कहना है कि सभी भूमाफियाओं को बाउंडओवर करेंगे और जिलाबदर जैसी कार्रवाई भी होगी। इसमें नीलेश अजमेरा के साथ ही निखिल कोठारी, जैसे आऱोपी भी पुलिस राडार पर बताए जा रहे हैं। बब्बू और छब्बू पर पहले ही पुलिस जिलाबदर जैसी कार्रवाई कर चुकी है।
नीलेश तो पहले से ही भगोड़ा, ईनाम तक घोषित, हाईकोर्ट के आदेश पर भी पेश नहीं हुआ
लेकिन पुलिस के इस फैसले पर अमल होना मुश्किल ही है। क्योंकि दर्जन भर से ज्यादा एफआईआर के बाद भी वह आज तक गिरफ्तार नहीं हुआ, पुलिस उस पर ईनाम घोषित कर भगोड़ा बता चुकी है। हाईकोर्ट इंदौर में भी वह कभी पेश नहीं हुआ और हाईकोर्ट द्वारा उसे यहां तक राहत दी गई कि पुलिस की कोई कार्रवाई नहीं होगी, वह पीडितों के निराकरण के लिए हाईकोर्ट की कमेटी के सामने पेश हो लेकिन वह वहां भी कभी पेश नहीं हुआ और वकीलों के माध्यम से ही जवाब रखे गए। ऐसे में पुलिस के सामने भी नीलेश पर कार्रवाई को लेकर कई बाधाएं हैं। इस मामले में 26 सितंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई होना है, किसी भी कार्रवाई के लिए पहले पुलिस को अब इस सुनवाई में आवेदन देकर छूट लेना होगी।