संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर जिले में मतदाता सूची को लेकर दावे-आपत्ति की प्रक्रिया पूरी हो गई है और कुल 3 लाख 9 हजार 477 आवेदन जिला प्रशासन को प्राप्त हुए हैं। इसमें 1 लाख 63 हजार 664 आवेदन नाम जोड़ने के हैं और केवल 30930 आवेदन नाम घटाने के लिए हैं। यानि जिले में शुद्ध कुल 1 लाख 32 हजार 734 नए मतदाताओं के नाम जोड़ने संबंधी आवेदन आए हैं। वहीं 1 लाख 14 हजार 883 आवेदन संशोधनों के लिए आए हैं। मतदाताओं के इन आवेदनों से जिले की सात विधानसभा सीटों में भारी संख्या में मतदाता बढ़ेंगे, यह संख्या बीते साल 2018 के चुनावों में हुई हार-जीत से भी ज्यादा है, यानि यह नई संख्या बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही प्रत्याशियों के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। अभी जिले में करीब 26 लाख मतदाता है। अंतिम मतदाता सूची चार अक्टूबर को आएगी।
इंदौर विधानसभा दो और चार में नहीं पड़ेगा अधिक फर्क
- इंदौर विधानसभा दो और चार बीजेपी के भारी मतों से जीत वाली विधानसभा है। यदि इन दोनों विधानसभा की बात करें तो विधानसभा दो में नाम जुड़वाने के 19104 और नाम हटवाने के 3626 आवेदन आए हैं, यानि यहां 15478 नाम नए जुड़ सकते हैं। लेकिन यहां बीते चुनाव में विधायक रमेश मेंदोला की जीत ही 71 हजार से अधिक वोट से हुई थी, यानि यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच लंबी खाई है।
- उधर विधानसभा चार की बात करें तो यहां नाम जुड़वाने के 11802 आवेदन और नाम हटवाने के 3248 आवेदन आए, यानि यहां 8554 मतदाता नए जुड़ सकते हैं, लेकिन बीते चुनाव में बीजेपी विधायक मालिनी गौड़ यहां 43 हजा से अधिक वोट से जीती थी, ऐसे में यहां भी बीजेपी-कांग्रेस में लंबी खाई है, जो नए मतदाता बढने से बहुत अधिक प्रभावित होती नहीं दिखती है।
आकाश विजयवर्गीय की 3 और हार्डिया की 5 नंबर विधानसभा में होगा भारी असर
- इंदौर तीन की विधानसभा जहां से कैलाश विजवर्गीय के पुत्र आकाश विधायक है, बीते चुनाव वह 5751 वोट से जीते थे, यह जिले की सबसे छोटी विधासनभा है औऱ् यहां से हर बार हार-जीत पांच-छह हजार के भीतर ही होती है। यहां नाम जुडवाने के लिए 12990 नए नाम आए और नाम हटवाने के लिए 5410 आवेदन आए, यानि यहां नए नाम 7580 जुड़ेंगे। कांग्रेस के संभावित दावेदार पिंटू जोशी भी इस नए नाम जुड़ने के आवेदनों की संख्या से नाराज दिखे और इसके लिए उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए मतदाता सूची की जांच की मांग की है।
- विधानसभा पांच की बात करें तो यह जिले के साथ ही प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा है, यहां नाम जुडवाने के लिए 23492 आवेदन आए और नाम हटवाने के लिए 2835 आवेदन, यानि यहां 20657 मतदाता नए जुड़ सकते हैं। वहीं हार-जीत बीते चुनाव में मात्र 1132 वोट की थी। यह सीट बीजेपी ने चार बार जीत के बाद भी सी कैटेगरी में डाली हुई है और यहां से वह खतरा महसूस कर रही है।
2018 में कांग्रेस की जीत वाली विधानसभा 1, राउ, देपालपुर, सांवेर में भी भारी बदलाव
- - साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस की जीत वाली चार सीट विधानसभा एक, देपालपुर, राउ, सांवेर थी।
- विधानसभा एक की बात करें तो यहां कांग्रेस के संजय शुक्ला 8163 वोट से सुदर्शन गुप्ता से जीते थे। अब नए नाम जुड़वाने के आवेदन 17833 आए और नाम घटाने के लिए 4181 नाम आए हैं, यानि यहां 13652 नए मतदाता जुड़ेंगे। यह बीजेपी या कांग्रेस किसी भी दल के खाते में जा सकते हैं और निर्णायक साबित हो सकते हैं।
- विधानसभा देपालुपर की बात करें तो यहां से कांग्रेस के विशाल पटेल ने बीजेपी के मनोज पटेल को 9044 वोट से हराया था, यहां नाम जुडवाने के 15287 आवेदन औऱ् नाम हटवाने के 3635 आवेदन आए हैं, यानि नए संभावित मतदाता 11652 हो सकते हैं, जो फिर हार-जीत के अंतर से ज्यादा है, यानि निर्णायक साबित होंगे।
- विधानसभा राउ की बात करें तो लगातार इस क्षेत्र में बढ़ती टाउनशिप कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी की मुश्किलें बढ़ा सकती है, क्योंकि शहरी, टाउनशिप मतदाता सामान्य तौर पर बीजेपी समर्थक मानी जाती है। यहां नाम जुडवाने के आवेदन 23670 आए और नाम हटवाने के केवल 2629, यानि यहां नए मतदाता 21041 जुड़ सकते हैं। बीते चुनाव में पटवारी 5703 वोट से जीते थे।
- विधानसभा सांवेर की बात करें तो 2018 के चुनाव में तुलसी सिलावट कांग्रेस से 2945 वोट से जीते और उपुचनाव में बीजेपी की ओर से प्रत्याशी बन 50 हजार से अधिक वोट से जीते। यहां नाम जुड़वाने के लिए 16816 और नाम हटवाने के 2902 आवेदन आए, यानि नए मतदाता 13914 हो सकते हैं। उपचुनाव को छोड़ दें तो यहां भी पांच-छह हजार से कम ही हार-जीत होती रही है। हालांकि इस क्षेत्र में भी तेजी से टाउनशिप बढी है और शहरी मतदाता बढ़े हैं।
महू विधासनभा में सबसे ज्यादा 21 हजार नाम जुड़ सकते हैं
सबसे ज्यादा नाम महू विधानसभा में जुडने की संभावना है। यहां नाम जुड़वाने के लिए 23670 आवेदन आए और नाम हटवाने के लिए 2629 आवेदन आए हैं। यानि यहां 21041 नए मतदाता जुड़ सकते हैं। बीते चुनाव में ऊषा ठाकुर यहां से 7157 वोट से ही जीती थे। यानि नए मतदाता दोनों ही दलों पर भारी पड़ने की स्थिति में होंगे।
साल 2018 की मतदाता सूची में इतने थे मतदाता
देपालपुर |
220576 |
इंदौर - 1 |
324822 |
इंदौर -2 |
338203 |
इंदौर - 3 |
191601 |
इंदौर - 4 |
251685 |
इंदौर - 5 |
356859 |
महू |
240299 |
राऊ |
286133 |
सांवेर |
242119 |
कुल वोटर |
2452297 |
वहीं 8 जून 2023 की मतदाता सूची में यह थी विधानसभा वार स्थिति
देपालपुर |
251928 |
इंदौर -1 |
345988 |
इंदौर - 2 |
332899 |
इंदौर - 3 |
180813 |
इंदौर - 4 |
231715 |
इंदौर - 5 |
388226 |
महू |
258195 |
राऊ |
326460 |
सांवेर |
283221 |
कुल वोटर्स |
2599445 |
5 साल के भीतर हर विधानसभा मे घटे- बढे मतदाता
देपालपुर |
31352 वोटर बढ़े |
इंदौर - 1 |
21166 वोटर बढ़े |
इंदौर - 2 |
5304 वोटर कम हुए |
इंदौर 3 |
10788 वोटर कम हुए |
इंदौर 4 |
19970 वोटर कम हुए |
इंदौर 5 |
31367 वोटर बढ़े |
महू |
17896 वोटर बढ़े |
राऊ |
40327 वोटर बढ़े |
सांवेर |
41102 वोटर बढ़े |
कुल वोटर बढ़े |
147148 |