संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में विधानसभा एक से कैलाश विजयवर्गीय का टिकट घोषित होने के बाद कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला का तीखा बयान आया है। द सूत्र से चर्चा करते हुए शुक्ला ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि बीजेपी को यहां से राष्ट्रीय नेता को मैदान में उतारना पड़ा है। आकाश विजयवर्गीय के टिकट कटने की संभावना पर कहा कि देखिए पिता बच्चों को आगे बढ़ाते हैं, लेकिन कैलाशजी बच्चे को पीछे रखकर अपना चुनाव लड़ रहे हैं, इससे जाहिर होता है कि वह परिवार के पहले और जनता के सुख-दुख के पहले अपनी राजनीति देखते हैं।
मेरी विधानसभा मे मैं कैलाशजी से खुद को ऊपर समझता हूं
शुक्ला ने कहा कि मेरी विधानसभा मे मैं खुद को कैलाशजी से ऊपर समझता हूं। कोरोना काल हो, शादी का समय हो या कोई सुख-दुख का समय हो मैंने घर, परिवार नहीं देखा पूरी विधानसभा के लोगों के सुख-दुख में खड़ा रहा। यहां पांच साल में कोई गुंडागर्दी नहीं हुई, कब्जे नहीं हुए, चंदाखोरी भी नहीं हुई। मैंने जनता की सेवा के अलाव कुछ नहीं देखा। वह मेरी भगवान है।
कैलाशजी को उतारना पड़ा यह मेरा सौभाग्य
शुक्ला ने कहा कि कैलाशजी का उतरना साबित करता है कि मैंने विधानसभा में कितना काम किया, आज तक जो कोई भी विधायक नहीं कर सका वह मैंने करके दिखा दिया। इसलिए बीजेपी को आज कैलाजी राष्ट्रीय नेता को मेरे सामने उतारना पड़ा। चुनाव पूरी ताकत और दमखम से लडेंगे।
अभी तो मोदी और शाह भी इंदौर से चुनाव लडेंगे
शुक्ला ने सात सांसदों के मैदान में उतरने के सवाल पर कहा कि बीजेपी की हार यहीं हो गई, केंद्र के तीन-तीन मंत्री, सात-सात सांसदों, राष्ट्रीय महामंत्री को मैदान में उतारना पड़ा। अभी तो 80 की ही सूची आई है। मुझे तो लगता है कि आगे जाकर इंदौर से कहीं से पीएम मोदी और अमित शाह भी चुनाव लडेंगे।
इधर विजयवर्गीय बोले धार्मिक यात्रा से चुनाव नहीं होता विजन चाहिए
वहीं कैलाश विजयवर्गीय ने संजय शुक्ला की तैयारियों और धार्मिक यात्रा के जरिए चुनाव के लिए मैदान में उतरने के सवाल पर कहा कि धार्मिक यात्रा करना अच्छी बात है, लेकिन इससे चुनाव नहीं होता है। चुनाव के लिए डेवलपमेंट वीजन चाहिए। आपके पास देश के संस्कार कैसे है? इंदौर के इतिहास की कितनी जानकारी है? विकास के लिए वीजन क्या है। यह सभी चुनाव के लिए लगते हैं। मैंने महापौर के तौर पर जब विकास काम शुरू हुआ जो लकीर खींची वह चल रही है। इंदौर एक में काफी अवैध कॉलोनी है, यहां विकास की बहुत संभावनाएं हैं, मूलभूत सुविधाओं की कमी है, पूरा मास्टर प्लान बनाकर काम करेंगे। शुक्ला के परिवार से संबंधों पर कहा कि मेरे उनके साथ आत्मीय, पारिवारिक संबंध है वह बने रहेंगे। मैं रिश्ते दिलेरी से निभाता हूं इसमें कोई कंजूसी नहीं करता हूं। वह सम्मान और मर्यादा का पूरा ध्यान रखूंगा।
विष्णु शुक्ला के चुनाव में जुटे थे कैलाश विजयवर्गीय
इंदौर में जनसंघ जमाने से पंडित विष्णु शुक्ला बडे नेता रहे हैं, उन्हें इंदौर में बीजेपी को स्थापित करने में काफी अहम माना जाता है। विधानसभा दो से वह दो बार 1985 और 1990 में चुनाव लड़े थे, तब कैलाश विजवर्गीय मैदान में उनके लिए काम करते थे। विजयवर्गीय 1985 में पहली बार पार्षद बने थे, बाद में 1990 में वह विधानसभा चार से विधायक बने। शुक्ला पहली बार 1985 में कांग्रेस के कन्हैया यादव से और फिर 1990 में सुरेश सेठ से चुनाव हारे थे। साल 1993 में विजयवर्गीय फिर शुक्ला की जगह इंदौर विधानसभा दो से मैदान में उतरे थे और जीते थे तभी से यह सीट बीजेपी के पास है।
विजयवर्गीय की खूबी जहां से लड़े वह बीजेपी का गढ़ बना
विजयवर्गीय के चुनाव के रिकार्ड को देखें तो यह उनकी खूबी रही है कि उनके चुनाव लड़ने के बाद वह सीट बीजेपी के गढ़ में तब्दील हो गई है। साल 1990 में वह पहली बार इंदौर विधानसभा चार से लड़े औऱ् तभी से 33 साल से आज तक बीजेपी ही जीत रही है, 1993 में वह विधानसभा दो में उतरे और 30 साल से यह सीट बीजेपी के पास है। साल 2008 में वह महू से चुनाव में उतरे औऱ् 15 साल से यह सीट बीजेपी के पास है।