SHIVPURI. शिवपुरी में नगर पालिका परिषद के द्वारा संचालित लुधावली गोशाला में एक साथ 14 गोवंश की मौत की खबर है। इस घटना से शहर के गौसेवक और सामाजिक संगठन काफी दुखी हैं। दरअसल इस गोशाला को पहले एक सामाजिक संगठन संचालित करता था लेकिन कुछ माह पहले नगर पालिका ने इसकी व्यवस्थाएं संभाल लीं। इतने ज्यादा गोवंश की मौत के बाद अब जिम्मेदार पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं।
भूख-प्यास से मौत होने की आशंका
मौके का मुआयना करने पर पता चला है कि यहां अनेक गोवंश अंतिम सांसें गिन रहे थे। इन्हें कीचड़ से भरे मैदान में ही छोड़ दिया गया था। इनके भोजन के लिए स्टॉक में मात्र 5-6 कट्टों में भूसा भरा हुआ था जबकि यहां गोवंश की तादाद 300 से ज्यादा है। इस बात से ही नगर पालिका की लापरवाही उजागर होती है। हालांकि नपा अध्यक्ष की सफाई यह है कि प्रतिदिन गोशाला में भूसा लाया जाता है।
रोज हो रही मवेशियों की मौत
स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले एक समाज सेवी संस्था जनभागीदारी से गौसेवा करती थी, कुछ माह पहले नगर पालिका ने संस्था और आम लोगों को बाहर कर दिया। लोगों के यहां आने पर तो पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया। तब से रोजाना बड़ी तादाद में गोवंश की मौतें हो रही हैं। गोशाला के रजिस्टर में वैसे तो कई कर्मचारियों के नाम हैं लेकिन मौके पर काम करने महज 2-4 कर्मचारी ही हाजिर होते हैं।
पॉलीथिन की वजह से हुई मौतें
नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा का कहना है कि हम बीमार गायों का बाहर से डॉक्टर बुलवाकर इलाज करवाते हैं। इलाज के दौरान कई गाय मर जाती हैं, कई स्वस्थ भी हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि गायों की मौत पॉलीथिन खाने की वजह से होती है। 14 गोवंश की मौत की बात को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि एक दिन पहले 3 गायों की मौत हुई थी जबकि आज 3 गायें मरी हैं।
राजनीति भी हो गई शुरु
इतनी ज्यादा तादाद में गोवंश की मौत से राजनीति भी शुरु हो चुकी है। सांसद प्रतिनिधि रामजी व्यास ने घटना पर दुख जताते हुए नगर पालिका के अधिकारियों से मौतों का कारण पता लगा कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। उधर कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी का आरोप है कि उन्होंने आवारा गोवंश को कोलारस की धर्मपुरा गोशाला भेजने का आग्रह किया था लेकिन राजनैतिक फायदे के लिए ऐसा नहीं होने दिया गया। उन्होंने कहा कि गोवंश की मौतें सीएम शिवराज सिंह चौहान के लिए शुभ संकेत नहीं है।