संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर विधानसभा एक के दो बार के विधायक सुदर्शन गुप्ता और बीते 2018 चुनाव में हारने वाले बीजेपी के प्रत्याशी सुदर्शन गुप्ता का लंबे समय से विरोध हो रहा है। बुधवार को शहर में सीएम शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में निकल रही बीजेपी की महत्वाकांक्षी जनआर्शीवाद यात्रा के दौरान विवाद खड़ा हो गया। पुलिस ने बीजेपी के विधानसभा एक से जुड़े कुछ पार्टी पदाधिकारियों से पूछताछ की बात कही और इसकी सूचना उन तक पहुंचाई गई। जब नेताओं ने पता किया उन्हें बताया गया कि ऐसी शिकायत मिली है कि आप लोग जनआर्शीवाद यात्रा का विरोध करेंगे। इस पर सभी नेता एकजुट होकर खुद ही एरोड्रम थाने पर पहुंच गए और वहां पर सुदर्शन गुप्ता के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि तानाशाही नहीं चलेगी, साथ ही सीएम और बीजेपी के जिंदाबाद के नारे लगाए।
गुप्ता ने ही कराई फर्जी शिकायत बोले विरोध करने वाले नेता
विरोध करने वाले नेताओं के साथ गए दिनेश शुक्ला ने कहा कि हमारे दो बार के पूर्व पार्षद संजय शर्मा, युवा मोर्चा मंडल कार्यकारिणी के सतीश बैरागी, संतोष यादव ओबीसी मोर्चा के पूर्व महामंत्री और छोटू मित्तल यह सभी हमारे पार्टी के पदाधिकारी है, इन्हें पुलिस ने कहा था कि आप जनआर्शीवाद यात्रा का विरोध कर रहे हैं। इनसे पूछताछ की बात सामने आने पर हम सभी एकजुट होकर पुलिस के सामने बात रखने आए थे। उन्हें बताया गया कि हमारा यात्रा का विरोध करने का तो सवाल ही नहीं उठता, यह हमारी पार्टी का कार्यक्रम है और हमारे नेता शिवराज सिंह चौहान जी खुद आ रहे हैं। हमारा विरोध केवल सुदर्शन गुप्ता का है, लेकिन हम यात्रा में कुछ भी नहीं कर रहे हैं, पार्टी स्तर पर यह बात रखेंगे। शुक्ला ने कहा कि इसके बाद मामला खत्म हो गया है लेकिन हम पार्टी स्तर पर गुप्ता द्वारा किए गए इस कृत्य की शिकायत जरूर करेंगे, उनका विरोध है औऱ् रहेगा।
लगातार चल रहा है गुप्ता का विरोध
बीजेपी से साल 2008 और 2013 में विधानसभा एक से टिकट पाकर जीतने वाले सुदर्शन गुप्ता, साल 2018 के चुनाव में कागेंस के संजय शुक्ला से आठ हजार 163 वोट से हार गए थे। इस बार फिर उनका नाम दावेदारी में सबसे आगे हैं लेकिन बीजेपी में एक धड़ा खुलकर उनका विरोध कर रहा है औऱ् कह चुका है कि यदि उन्हें टिकट मिला तो पार्टी फिर चुनाव हारेगी। इसके पहले भी विरोधी धड़ा उनके खिलाफ रैली निकाल चुका है और घर-घर हस्ताक्षर अभियान भी चला चुका है। यह सभी जानकारी नेता पार्टी स्तर पर दे चुके हैं। लेकिन सभी को आशंका है कि सीएम चौहान के साथ ही चुनाव कमेटी प्रबंधक व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी होने के चलते एक बार फिर वह टिकट ले आएंगे, इसलिए उनका विरोध चल रहा है।