UJJAIN. प्रदेश सरकार ने लाड़ली बहनों को 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने का ऐलान किया है, जिसके बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी लाड़ली बहनों की जानकारी जुटाने ऑयल कंपनियों से डाटा कलेक्ट करने पहुंचे तो पता चला कि उज्जैन में उज्जवला योजना का लाभ ले रही महिलाओं में से 80 फीसदी से ज्यादा लाड़ली बहनें हैं। महज 3 से 9 हजार लाड़ली बहनों को सस्ता सिलेंडर दिलाने कवायद करना पड़ेगी। इनमें से भी अधिकांश के नाम गैस का कनेक्शन नहीं है। अभी सस्ता गैस सिलेंडर लेने मात्र 700 आवेदन ही आए हैं।
यह है स्थिति
उज्जैन जिले में लाड़ली बहनों की तादाद 3 लाख 53 हजार 417 है लेकिन इनमें से 50 फीसदी के नाम ही गैस कलेक्शन हैं। अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि इनके नाम गैस का कनेक्शन आसानी से ट्रांसफर हो जाएगा या इन्हें नया कनेक्शन लेना पड़ेगा यह भी स्पष्ट नहीं है। अधिकारी कह रहे हैं कि शासन की गाइडलाइन और परिस्थितियां देखने के बाद लगता है कि जिले में महज 3 से 9 हजार लाड़ली बहनों को ही नए सिरे से सस्ता सिलेंडर मिलेगा।
उज्जवला योजना का भी एंगल
दरअसल अकेले उज्जैन जिले में 4 लाख के करीब गैस कनेक्शन हैं जिनमें से 1 लाख 41 हजार कनेक्शन तो उज्जवला योजना के ही हैं। गैस एजेंसियों से मिले डाटा के मुताबिक उज्जवला योजना कनेक्शनधारी महिलाओं में 80 फीसदी से ज्यादा लाड़ली बहनें हैं, इसलिए इन महिलाओं को सस्ता सिलेंडर आसानी से मिल जाएगा। हां जिनके नाम गैस कनेक्शन नहीं है उन्हें इंतजार करना पड़ सकता है। ताजा आंकड़ों की बात की जाए तो महज 700 लाड़ली बहनों ने ही सस्ते गैस सिलेंडर के लिए आवेदन दिया है।
पुरुषों ने दिए नामांतरण के आवेदन
इधर सस्ता सिलेंडर पाने की चाह में बड़ी तादाद में पुरुष गैस कनेक्शन महिलाओं के नाम कराने आवेदन दे चुके हैं। अधिकांश पुरुष अपनी मां या पत्नी के नाम कनेक्शन कराना चाह रहे हैं। महिलाएं भी नए कनेक्शन लेने आवेदन दे रही हैं लेकिन गैस एजेंसी उन्हें स्पष्ट कर रही है कि इसकी कोई गारंटी नहीं है कि आपको सस्ता गैस सिलेंडर मिलेगा, क्योंकि वे शासन की घोषणा के बाद कनेक्शन लेने आ रही हैं।