BHOPAL. प्रदेश के मंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों की सेवा में लगे मंत्रालय के कर्मियों को नियमितीकरण के लिए रविवार को वल्लभ भवन में शुद्ध लेखन की भर्ती परीक्षा आयोजित की गई। ताज्जुब इस बात पर हुआ कि जमादार, भृत्य, फर्राश और कुली समेत चौकीदार के 143 पदों के लिए मात्र 300 लोग ही परीक्षा में सम्मिलित हुए। ऐसे में साल 2012 में समान पदों पर चयनित लोगों ने आरोप जड़ दिए हैं कि उन्हें इस भर्ती परीक्षा की जानकारी ही नहीं दी गई। कोई विज्ञापन भी जारी नहीं हुआ। जिसके बाद इस पूरी भर्ती में जीएडी के बड़े अफसरों की भूमिका संदेह में आने की बात सूत्र कह रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि भर्ती मे गडबडी की आशंका को देखते हुए जीएडी की डिप्टी सेक्रेटरी माधवी नागेंद्र छुट्टी पर चली गई थी। पूरे मामले मे मंत्रियों के पसंद के लोगों को भर्ती करने की बात आ रही है।
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पत्र लिखकर मंत्रियों के निज सहायक और निज सचिव को दी सूचना
जानकारी के मुताबिक इस परीक्षा के लिए सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से सीधे मंत्रियों के निज सचिव और निज सहायकों को 6 सितंबर को चिट्ठी भेजी गई, जिसमें 17 सितंबर को परीक्षा होने की सूचना थी। आदेश में यह भी लिखा गया कि आरक्षित वर्ग के पात्र व्यक्ति 13 सितंबर तक प्रमाण पत्र और 8वीं की मार्कशीट सहायक ग्रेड 3 कमल गौर को सौंप दें और 17 सितंबर को साइकिल चलाकर वल्लभ भवन पहुंच जाएं।
इन्हें अभी तक नहीं मिली नियुक्ति
इस परीक्षा पर सवाल उठाने वाले पूर्व परीक्षा में पात्र हुए राजेश, सरनाम सिंह, प्रीति प्रजापति का कहना है कि वे 19 लोग हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं उस पर शासन ने नई परीक्षा करा ली।
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इस परीक्षा का नहीं निकाला जाता विज्ञापन- जीएडी सचिव
इस पूरे मामले में जीएडी के सचिव श्रीनिवास शर्मा कहते हैं कि इस परीक्षा का विज्ञापन नहीं निकाला जाता, क्योंकि यह नियमितीकरण का मसला है और पूर्व की पात्रता सूची 18 महीने बाद मान्य नहीं होती।
मंत्री की स्थापना में होते हैं 7 लोग
बता दें कि शासन के नियम अनुसार एक मंत्री की स्थापना में 7 लोगों को रखने की पात्रता होती है। ये नियमितीकरण के पात्र हो जाते हैं। कुली को भी इस बार रखा गया, जिसके बारे में आरोप है कि इन्हें परीक्षा में नहीं बैठाया जा सकता, दरअसल कुली बजट की किताबें उठाने का काम करते हैं।
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