BHOPAL. एनजीटी से फटकार खाने के बाद राज्य सरकार ने अपना जवाब पेश कर दिया है, जवाब में मार्च 2024 तक बफर एरिया में मौजूद सभी अतिक्रमणों को हटाने की बात सरकार ने कही है। जवाब में यह भी बताया गया कि जांच में कलियासोत के बफर एरिया में 96 और केरवा के बफर एरिया में 33 अतिक्रमण मिले हैं। खास बात यह है कि अतिक्रमणकारियों की लिस्ट में नेताओं और पूर्व नौकरशाहों के भी नाम शामिल हैं।
जुर्माना माफ करने का अनुरोध
एनजीटी ने जुलाई में सुनवाई के दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। सरकार ने ट्रिब्यूनल से इस जुर्माने को माफ करने का भी अनुरोध किया है। सरकार ने इस दौरान 500 से ज्यादा पन्नों की रिपोर्ट पेश की। जिसमें अतिक्रमणकारियों के नाम वाली लिस्ट भी शामिल थी। लिस्ट में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल, पूर्व सीएम अवनि वैश्य, छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के भाई अरुण एल सिंहदेव, उस्ताद जियाउद्दीन डागर की पत्नी पदमा समेत कई नामचीन लोगों के नाम शामिल हैं।
यह दी सफाई
सरकार ने एनजीटी में बताया कि बीती सुनवाई में सीएस को हाजिर होने की सूचना देरी से मिली थी। जिस कारण वे बिना तैयारी के कोर्ट में पेश हुए थे। यह भी बताया गया कि देरी से सूचना देने के चलते कर्तव्य में लापरवाही के कारण राज्य सरकार के वकील सचिन वर्मा ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को नोटिस भी जारी किया गया है।
कलियासोत की लिस्ट में इनके नाम
पदमा डागर पत्नी उस्ताद जिया उद्दीन डागर, सीमा पत्नी नर्बदा मिश्रा, आरोशिखा एजुकेशन, मधुरम प्रोपराइटर सुधीर गुप्ता, नीलम पत्नी मनोज मिश्रा, अरविंद अग्रवाल, विनीत अजमानी, ममता यादव पत्नी अवधेश प्रताप सिंह यादव, शिखा पत्नी महेंद्र सिंह चौहान, सुषमा पाठक, अवधेश अग्रवाल, रेणु गुंदेचा पत्नी रमाकांत गुंदेचा।
केरवा की लिस्ट में ये शामिल
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व सीएस अवनि वैश्य, अरुण एल सिंह देव, राकेश लीला आरपीसी लीला, शरद कुमार सांघी, निशा राजानी पत्नी पुरुषोत्तम राजानी, नारायण लोधी, मनीष त्रिपाठी, राजकिशोर सिंह, अरविंद सिंह, आशीष त्रिपाठी।