संजय गुप्ता, INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) द्वारा लगातार भर्ती की प्रक्रिया हो रही है और एक के बाद एक परीक्षाएं आयोजित हो रही है। वहीं लाखों युवाओं की आयोग से कई मांगे हैं, जिन्हें लेकर नेशनल यूजेकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाययू) ने 11 सितंबर को पीएससी जाकर मांगों के लिए ज्ञाप देने की घोषणा की है। इसमें मुख्य रूप से राज्य सेवा परीक्षा 2023 में आए 227 पद को कम बताते हुए इसे 600 तक करने की मांग की है, इंटरव्यू के अंक 175 की जगह 100 करने की मांग है, छत्तीसगढ़ लोक सेव आयोग ने भी यह फैसला लिया है। साथ ही ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों को फार्म शुल्क में छूट की मांग की गई है, जो पहले मिलती रही है।
यह है प्रमुख तौर पर मांगें
- mppsc मुख्यपरीक्षा तृतीय पेपर में 11 नम्बर के प्रत्येक प्रश्न में अथवा दिए जाएं जिस प्रकार अन्य पेपर में दिए जाते है।
- तृतीय पेपर मुख्यपरीक्षा के पेपर स्तर को सामान्य किया जाए ताकि आर्ट्स एवं वाणिज्य के विद्यार्थी भी पेपर को हल कर सकें।
- मेंस की कॉपी की गुणवत्ता में सुधार किया जाए और 1 सप्ताह के अंदर मॉडल कॉपी का सेम्पल आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया जाए।
- MPPSC 2023 में नायब तहसीलदार सहित अन्य विभागों के पदों को शामिल किया जाए और पदों की संख्या 600 की जाए इसका नोटिफिकेशन 25 सितंबर से पहले जारी किया जाए क्योंकि अक्टूबर 2023 के प्रथम सप्ताह में विधानसभा चुनाव 2023 की आचार संहिता लग लगने की संभावना है।
- MPPSC 2020 के इंटरव्यू दे चुके छात्रों में फाइनल लिस्ट में अनुत्तीर्ण छात्रों के अंक जारी किए जाएं एवं उन्हें कॉपी दिखाई जाए ताकि आगामी परीक्षाओं में वो अपनी गलतियों को सुधार सकें।
- MPPSC 2023 प्रारंभिक परीक्षा में आयु की गणना 1 जनवरी 2023 से की जाए।
- कोविड के कारण सामान्य प्रशासन विभाग के पूर्व में जारी आयु संबंधी 3 वर्ष की छूट को MPPSC 2023 में लागू किया जाए।
- EWS छात्रों की परीक्षा फॉर्म की फीस 50% छूट दी जाए जैसे कि पूर्व में घोषणा की गई थी।
- वर्ष 2023-24 का कैलेंडर 20 सितंबर 2023 तक जारी किया जाए।
- 13% प्रावधिक लिस्ट का परिणाम जारी किया जाए इसके लिए आयोग शासन को पत्र लिखकर ओबीसी आरक्षण मामले की जल्द सुनवाई कर मामले को सुलझाने का प्रयास करे।
- आयोग कैलेंडर में जिस परीक्षा की तारीखें उल्लेख करे वह परीक्षा उसी समय आयोजित की जाए जब, आपातकालीन परिस्थितियों में ही तारीख में बदलाव किया जाए।
- असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती की तारीख घोसित की जाए।
- MPPSC 2021 मुख्यपरीक्षा का परिणाम घोसित किया जाए।
- प्रारंभिक परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग प्रारंभ की जाए।
- साक्षात्कार 100 अंक का किया जाए।
कई मांगे लंबे समय से कर रहे उम्मीदवार
इन मांगों को लेकर आंदोलन में शामिल आकाश पाठक ने कहा कि कई मांगे हमारी लंबे समय से है, जिस पर आयोग ने ध्यान नहीं दिया है। जल्द आचार संहिता लग जाएगी, ऐसे में उम्मीदवारों की कई मांगों पर कोई काम फिर मुश्किल होगा, इसलिए हम चाहते हैं कि आयोग तक बात पहुंचाई जाए और आयोग भी इसी माह इस पर फैसला करें, जिससे लाखों उम्मीदवारों को राहत मिल सके। जैसे भर्ती परीक्षा हो रही है लेकिन 227 केवल पद पर करने का क्या औचित्य है जिसमें कई विभाग के पद है ही नहीं, जब उतनी ही मेहनत, सिस्टम सब लगना है तो इसी में शासन पद बढ़ा दे। इससे उम्मीदवारों को भी राहत होगी।
6 की जगह 15 फीसदी को पात्रता सर्टिफिकेट देने की मांग
एमपी सेट यानी राज्य पात्रता परीक्षा हुई है उसमें केवल 6 फीसदी को ही पात्रता सर्टिफिकेट देने का नियम आयोग ने लागू किया है, जिसे उम्मीदवार 15 फीसदी करने की मांग कर रहे हैं। आयोग यूजीसी के नियमों का हवाला देकर कह रहा है कि नेट में केवल 6 फीसदी को ही सर्टिफिकेट देने का नियम है, हम उसी आधार पर चल रहे हैं, लेकिन युवाओं का साफ कहना है यूजीसी साल में 2 बार नेट कराता है, लेकिन आयोग की सेट तो सालों में एक बार होती है। पिछली बार सेट का आयोजन 2017 में हुआ था, इसलिए जब आयोग समय पर परीक्षाएं नहीं कराता है तो ऐसे में सेट के लिए पात्रता परसेंटेज बढ़कर 15 फीसदी तो कम से कम होना ही चाहिए। क्योंकि 2017 में भी 15 फीसदी को सर्टिफिकेट दिए गए थे। युवा ये मांग इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सेट का पात्रता सर्टिफिकेट होने के बाद ही असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए योग्य घोषित हो सकेंगे जो परीक्षा जल्द होने वाली है।