संजय गुप्ता, INDORE. G-20 देशों के श्रम और रोजगार मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इसमें बनाए गए ड्राफ्ट में पीएम नरेंद्र मोदी के वाक्य कि- आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए को भी शामिल किया गया। साथ ही G-20 समिट के आखिरी दिन तैयार फाइनल ड्राफ्ट में यूक्रेन पर रूस के हमले की कड़ी निंदा की। G-20 समिट में शामिल होने आए सभी देशों के प्रतिनिधियों ने कहा कि इस युद्ध ने मानवता को भयावह पीड़ा दी और इसके भविष्य में लंबे समय तक दुष्परिणाम देखे जाएंगे। इंदौर में आयोजित समिट का विषय था श्रम और रोजगार। वहीं समापन अवसर पर मेहमानों ने छ्प्पन दुकान 56 दुकान पहुंचे कर डिनर किया।
G-20 समिट में 26 मंत्री और 176 डेलीगेट हुए शामिल
G-20 समित में 26 मंत्री और कुल 176 डेलीगेट्स शामिल हुए। इसमें कहा गया कि यूक्रेन में युद्ध ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। सभी देशों ने यूक्रेन पर रूस के हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यूक्रेन से बिना शर्त रूसी सेनाओं की वापसी होना चाहिए। अधिकांश सदस्यों ने दृढ़ता से यह बता रखी कि युद्ध से भारी मानवीय पीड़ा हो रही है, और वैश्विक अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है। इससे विकास में बाधा हो रही है, और ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा के संकट पैदा हो रहे हैं। इन वजहों से वित्तीय अस्थिरता के जोखिम भी बढ़ रहे हैं। सदस्यों ने यह भी माना कि हो सकता है यह सही मंच नहीं हो लेकिन इस पर बात करना जरूरी है क्योंकि इसकी वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था पर खतरा आया है।
परमाणु हमले की मंजूरी नहीं
सदस्य देशों ने यह भी कहा कि यूएन चार्टर के तहत अंतर्राष्ट्रीय कानून और सुरक्षा प्रदान करने वाली बहुपक्षीय प्रणाली को बनाए रखना आवश्यक है। शांति और स्थिरता जरूरी है। सशस्त्र संघर्षों में नागरिकों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा हम सभी के लिए प्राथमिकता होना चाहिए। परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी अस्वीकार्य है। संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जाना चाहिए। आज हम सभी को यह प्रयास करना चाहिए कि कहीं भी युद्ध न हो।
केंद्रीय मंत्री यादव ने यह कहा
बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने जानकारी दी कि भारत के G-20 बैठक में सर्वमान्य ई-श्रम पोर्टल जैसे नवाचार को भारत अन्य देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है। ई-श्रम पोर्टल पर श्रमिकों के पंजीयन की विश्व स्तर पर सराहना हुई है, और G-20 बैठक में भारत के प्रजेंटेशन में ई-श्रम पोर्टल के विवरण की तारीफ की गई। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यहां हुई बैठक में विचार विमर्श के बाद निकले परिणामों को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। इनमें वैश्विक स्तर पर कौशल अंतराल को दूर करने की रणनीतियों पर G-20 नीति प्राथमिकताएं, पर्याप्त और सतत सामाजिक संरक्षण पर G-20 नीति प्राथमिकताएं, गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों के लिए शालीन और मर्यादित कार्य और सामाजिक संरक्षण के सतत वित्तपोषण के लिए G-20 नीति विकल्प हैं। इन दस्तावेजों को G-20 नई दिल्ली के नेताओं की घोषणा 2023 में शामिल करने के लिए नेताओं के विचारार्थ उनके समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
ये खबर भी पढ़ें...
अब इन बिंदुओं पर G-20 के सभी देश मिलकर करेंगे काम
- 1. ग्लोबल स्किल गैप- इसमें बताया गया कि डिजिटलीकरण, वैश्वीकरण, जलवायु परिवर्तन की तीव्र गति और जनसांख्यिकीय बदलावों ने ग्लोबल स्किल गैप (वैश्विक कौशल अंतराल) को बढ़ा दिया है। इसकी वजह से प्रतिभाओं के विकास में रुकावट आ रही है, और आर्थिक विकास दर और उत्पादकता भी प्रभावित हो रही है। इसमें तय किया गया कि सभी देश पता करेंगे कि किन वजहों से ग्लोबल स्किल गैप आ रहा है और इसे किस तरह से दूर किया जा सकता है।