BHOPAL. मध्य प्रदेश में अब मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देशों के पालन में गंभीरता नहीं दिखाना अधिकारियों और कर्मचारियों पर भारी पड़ सकता है। अब सीएम के निर्देशित महत्वपूर्ण प्रकरणों के पालन में देरी या लापरवाही करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी। इसको लेकर सीएम कार्यालय से सभी विभागों के लिए चेतावनी जारी की है। सामने आया है कि विभागों से पोर्टल पर टारगेट डेट और फॉलोअप डिटेल्स टाइम पर नहीं भरा जा रही है, जिसके चलते अति महत्वपूर्ण प्रकरणों में देरी हो रही है।
सीएम कार्यालय ने भेजी पेडिंग मामलों की जानकारी
दरअसल, मुख्यमंत्री से जुड़ी घोषणाओं या निर्देशित महत्वपूर्ण मामलों पर विलंब करने या इसे गंभीरता से नहीं लेने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने सभी विभागों को उनके यहां पेडिंग मामलों की जानकारी भेजी है। पेडिंग मामलों की सूची में गृह विभाग के ए प्लस 64 प्रकरण और ए 49 प्रकरण हैं।
महत्वपूर्ण प्रकरणों में हो रही देरी
सभी विभाग प्रमुखों के लिए जारी चेतावनी में कहा गया है कि ए प्लस एवं ए मानिट के महत्वपूर्ण प्रकरण नोटशीट के माध्यम से विभागों को भेजे गए हैं। लेकिन विभागों द्वारा पोर्टल पर टारगेट डेट एवं फॉलोअप डिटेल्स को टाइम पर नहीं भरा जा रहा है, जिसके कारण अति महत्वपूर्ण प्रकरणों में विलंब हो रहा है। अधिकारियों द्वारा पोर्टल पर जानकारी अपलोड नहीं की गई है, उनकी जिम्मेदारी तय कर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। साथ ही सीएम मानिटों का प्राथमिकता से निराकरण के भी निर्देश दिए गए हैं।
इन विभागों पर पेंडिंग है मामले
मुख्यमंत्री कार्यालय से सभी विभागों में भेजी गई जानकारी में बताया गया कि कितने मामले पेंडिंग है। साथ ही बताया गया है कि कितने मामलों में समय सीमा खत्म होने के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। इनमें गृह विभाग के ए प्लस 64 और ए प्रकरण 49 शामिल हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 24 और 15, राजस्व विभाग के 13 और 15 मामले, लोक निर्माण विभाग के 12 और 19 मामले, स्कूल शिक्षा विभाग के 13 और 21 मामले, जीएडी के 29 और 16 मामले, वन विभाग के 15 और 5 मामले हैं।
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