भोपाल, इंदौर और जबलपुर के मास्टर प्लान जुलाई में जारी होंगे। ये मास्टर प्लान ( MP Master Plan ) अगले साल यानी 2025 से ही लागू होंगे। जबलपुर और इंदौर में मास्टर प्लान की अवधि 3 साल पहले पूरी हो चुकी है।
जबलपुर- इंदौर का मास्टर प्लान 2041 तक के लिए और भोपाल का 2047 तक के लिए बन रहा है।
इंदौर- जबलपुर का ड्राफ्ट लगभग तैयार
इंदौर और भोपाल को रिसीविंग जोन बनाया जाएगा। 24 मीटर या इससे अधिक चौड़ी सड़कों को लेकर जनरेटिंग जोन बनाया जाएगा। इन सड़कों का 0.5 एफएआर भी बढ़ाया जाएगा।
माना जा रहा है कि इंदौर के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट जुलाई -2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। इंदौर को वर्ल्ड क्लास सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। स्वच्छतम शहर की निरंतरता को रखते हुए शहर का विकास किया जाएगा।
बता दें, भोपाल और इंदौर का ये तीसरा मास्टर प्लान होगा। जबकि जबलपुर का चौथा मास्टर प्लान होगा। जानकारी के अनुसार इंदौर- जबलपुर का ड्राफ्ट लगभग तैयार है, लेकिन भोपाल मास्टर प्लान-2047 के ड्राफ्ट के लिए नए सिरे से जीआईएस सर्वे का काम चल रहा है। पूरे प्लानिंग एरिया का दोबारा सर्वे हो रहा है। ( MP Master Plan )
इंदौर के प्लानिंग एरिया में भी बढ़ोत्तरी
वर्तमान में इंदौर में 505 वर्ग किमी प्लानिंग एरिया है, लेकिन नए प्लान में यह 880 वर्ग किमी हो जाएगा। यानी इंदौर का प्लानिंग एरिया 75 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।
2031 के बजाय 2047 का प्लान बनाने में सबसे पहले आबादी का अनुमान बदलेगा और उस हिसाब से रेसीडेंशियल, कमर्शियल व अन्य प्रावधान होंगे। प्लान में वर्टिकल डेवलपमेंट पर जोर होगा ताकि शहर का बेतरतीब फैलाव ना हो।
भोपाल में TDR और प्रीमियम FAR देने की तैयारी
भोपाल के नए प्लान में कमर्शियल और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट पर फोकस किया जाएगा। पूरे शहर में बेस एफएआर 1.25 रखने के साथ टीडीआर और प्रीमियम एफएआर दिए जाने की तैयारी है।
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