साल 2022 सितंबर में चर्च ऑफ ऑफ नार्थ इंडिया के बिशप प्रेमचंद सिंह के जबलपुर स्थित बंगले से लगभग 1.60 करोड़ रुपए की भारतीय और विदेशी मुद्रा बरामद करने के बाद सिंह को EOW ने गिरफ्तार किया था। उसके बाद से ही पीसी सिंह के अपराधों की लिस्ट लंबी ही होती जा रही है। अब जबलपुर में पूर्व बिशप और उसकी पत्नी नोरा सिंह के द्वारा मिलकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेची गई चर्च की करोड़ों की जमीन मामले में ईओडब्ल्यू ने धारा 420, 467,471 और 120-B मामला दर्ज किया है।
नहीं बेची जा सकती चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की संपत्ति
यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्दर्न इंडिया ट्रस्ट एशोसिएशन (UCNITA) के अंतर्गत आने वाला चर्च ऑफ नार्थ इंडिया एक धार्मिक संगठन है जिसके अंतर्गत शैक्षणिक संस्थाएं भी संचालित होती हैं और नियम अनुसार इस संस्थान की किसी भी संपत्ति को बेचा नहीं जा सकता पर बिशप पीसी सिंह दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर संस्थान की कई शहरों में स्थित चर्च की करोड़ की संपत्ति बेच डाली है। ताजा मामले में सामने आई जमीन जबलपुर के महंगे इलाकों में से एक गोरखपुर कटंगा में स्थित है। ईओडब्ल्यू के एसपी आरडी भारद्वाज ने बताया कि यह जमीन करोड़ों रुपए कीमत की है जिस पर अब पूर्व बिशप और उसकी पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है और इस पर कार्यवाही की जा रही है।
पीसी सिंह उर्फ प्रेमचंद ने कैसे शुरू किया घोटाला
आजादी के पहले अंग्रेजों के द्वारा भारत की जमीनों को विदेशी चर्च की संस्थाओं को लीज पर दिया गया था इसी कड़ी में 1919-20 में लगभग 65 हजार एकड़ जमीन USA के ओहायो की क्रिश्चियन मिशनरी सोसायटी सिनसिनाटी को दी गई थी। यह लीज 31 मार्च 1999 में खत्म हुई। इसके बाद 7 जून 2019 को नई ट्रांसफर डिड तैयार की गई और इस ट्रांसफर डीड में पीसी सिंह उर्फ प्रेम मसीह ने खुद को पावर ऑफ अटॉर्नी दिला दी। इसके बाद आरोपी पूर्व बिशप ने संस्था की ज़मीनों को बेचना शुरू कर दिया था।
पूरे देश में दर्ज हैं 60 से अधिक मामले
आपको बता दें कि पीपी सिंह के खिलाफ पूरे देश में 60 से भी अधिक मामले दर्ज है और इन मामलों की संख्या अब लगातार बढ़ती चली जा रही है। आरोपी के खिलाफ दिल्ली, कानपुर, झांसी, लखनऊ, मेरठ अजमेर, प्रयागराज, रायपुर, महासमुंद जैसे शहरों में संस्थान की संपत्ति को फर्जीवाड़ा कर बेचने के 60 से ज्यादा मामले दर्ज है।