बिजली कर्मियों का प्रदर्शन : जबलपुर के विजयनगर बिजली विभाग के दफ्तर में 19 जून को की गई तोड़फोड़ के मामले में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदर्शन के बाद बिजली कर्मियों के ऊपर एसटी-एससी एक्ट की कार्यवाही की गई है। इसके बाद अब बिजली विभाग के कर्मचारी संगठन भी एकजुट हो गए हैं जिन्होंने आज इस कार्यवाही के विरोध में काली पट्टी लगाकर प्रदर्शन किया और जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम शिकायती पत्र भी सौपा।
बिजली कर्मचारी संगठनों ने लगाए यह आरोप
बिजली कर्मचारियों के ऊपर की गई कार्यवाही के विरोध में कई संगठन एकजुट हो गए हैं। मध्य प्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ, पूर्व क्षेत्र बिजली कर्मचारी महासंघ, मध्य प्रदेश विद्युत कर्मचारी फेडरेशन जैसे कई संगठनों ने इस कार्यवाही के खिलाफ आवाज उठाई है। इन संगठनों के द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में यह आरोप लगाया गया है कि पार्षद पति पुष्पेंद्र सिंह एक अवैध कॉलोनी में प्लाट बेच रहा है जिस कॉलोनी के नाम मातृछाया है। यहां पर प्लाट बेचने के बाद वह लोगों को बिना किसी अनुमति के मुफ्त बिजली भी बांट रहा है।
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पुष्पेंद्र सिंह से 20 से 25 लाख रुपए की रिकवरी बाकी
संगठनों ने यह भी आरोप लगा है कि पुष्पेंद्र सिंह के ऊपर तीन से चार बिजली चोरी के मामले भी चल रहे हैं। जिसमें बिजली विभाग को पुष्पेंद्र सिंह से 20 से 25 लाख रुपए की रिकवरी करनी है। वहीं क्षेत्रीय पार्षद अतुल दानी पर यह आरोप लगाया गया कि वह अपने परीचितों के बिजली के बिल असंवैधानिक तरीके से कम करवाने के लिए दबाव बनाने बिजली विभाग के अफसर एवं कर्मचारियों से गुंडागर्दी करते हैं और इसी के नतीजतन 19 तारीख को बिजली विभाग के दफ्तर में तोड़फोड़ एवं अधिकारियों से अभद्रता की गई।
कर्मचारियों की सुरक्षा पर सवाल
संगठनों ने मुख्यमंत्री से यह भी निवेदन किया गया है कि बिजली विभाग के द्वारा शासन के बनाए नियमों के अनुसार ही कार्यवाही की जाती है और उसके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने राजनीतिक दबाव बनाकर जो कार्यवाही बिजली विभाग के कर्मचारियों के ऊपर करवाई है वह बिल्कुल अनैतिक है। यहां तक कि जिन अधिकारियों के ऊपर एसटी एससी एक्ट का मामला कायम किया गया है उनमें से दो अधिकारी खुद एसटीएससी वर्ग के हैं। अब विद्युत विभाग के सभी संगठनों ने एकजुट होकर मुख्यमंत्री से कर्मचारियों की सुरक्षा एवं न्याय की गुहार लगाइ है।