देश में एक के बाद एक पेपर लीक के कई मामले सामने आ चुके हैं। अभी हाल ही में नीट परीक्षा ( NEET 2024 ) में गड़बड़ी और यूजीसी नेट 2024 (UGC-NET 2024) परीक्षा स्थगित होने से देशभर में बवाल मचा हुआ है। पेपर लीक को लेकर देशभर के छात्रों में भारी नाराजगी है।
लेकिन बड़ा सवाल ये है कि लाखों बच्चों की उम्मीदों पर पानी फेरने वाले मास्टरमाइंड और बाकी दोषियों पर किस कानून के तहत एक्शन होगा?
मध्य प्रदेश में अब सभी तरह की गड़बड़ियां गैर जमानती होंगी। भर्ती परीक्षा हो या बोर्ड का पेपर, किसी भी परीक्षा में पेपर लीक रोकने के लिए सरकार सख्त कानून लाने की तैयारी में है। फिलहाल इसका अध्यादेश लागू हो सकता है।
इसमें परीक्षा केंद्र, सर्विस प्रोवाडर कंपनी या कोई व्यक्ति जो पेपर लीक व किसी गड़बड़ी में शामिल पाया जाता है तो उसकी सीधे जवाबदारी तय होगी।
पेपर लीक पर 1 करोड़ जुर्माना, 10 साल सजा
पेपर लीक करने पर दोषी पाए जाने पर एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना और दस साल तक की सजा हो सकती है। आरोपी की प्रॉपर्टी भी अटैच या जब्त होगी। एक्ट का प्रारूप तैयार हो गया है। इसे परीक्षण के लिए विधि विभाग को भेजा गया है। बता दें, एक्ट के प्रारूप बनाने का काम स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपा गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने एक्ट को लगभग बना लिया था।
सभी गड़बड़ियां गैर जमानती होंगी
सर्विस प्रोवाइडर अगर एग्जाम में किसी तरह की गड़बड़ी को पुलिस या परीक्षा एजेंसी को तत्काल नहीं बताता है, तो वह भी दोषी ठहराया जाएगा।
सर्विस प्रोवाइडर उसे माना जाएगा जो परीक्षा के लिए कम्प्यूटर से लेकर अन्य संसाधन या सिस्टम उपलब्ध कराए।
सर्विस प्रोवाइडर परीक्षा केंद्र को स्वेच्छा से नहीं बदल सकेंगे। अगर ऐसा मामला सामने आता है तो गड़बड़ी पाए जाने पर वे ब्लैकलिस्ट भी होंगे।
परीक्षा में गड़बड़ी में यह साबित हो जाए कि सर्विस प्रोवाइडर से जुड़ा व्यक्ति या पदाधिकारी जिम्मेदार है तो उसे भी 10 साल तक सजा और एक करोड़ तक जुर्माना देना होगा। संगठित अपराध में सजा-जुर्माना अधिकतम होगा, संपत्ति भी जब्त होगी।
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