गेहूं खरीदी घोटाला : कागजों में खरीदी, वेयरहाउस खाली, 7 पर FIR

मध्यप्रदेश के जबलपुर में बीते दिनों अमानक गेहूं मिलने के बाद वेयरहाउस और समितियों पर जांच जारी है। इसमें लाखों रुपए के खाद्यान्न की हेराफेरी का मामला उजागर हुआ है। जांच में वेयरहाउस में 40 लाख से अधिक कीमत का 1683 क्विंटल गेहूं कम मिला...

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Neel Tiwari
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गेहूं खरीदी घोटाला : जबलपुर के मझौली क्षेत्र में जगदीश वेयरहाउस में अमानक गेहूं (non faq) को मानक गेहूं (faq)  के साथ छुपा कर रखने का मामला उजागर हुआ था। जिसके बाद की गई जांच में आज इस मामले में मझौली थाने में 7 आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। जांच के दौरान उपार्जन समितियां सहित वेयरहाउस संचालक अधिकारियों को खाद्यान्न का हिसाब देने में भी विफल साबित हुए और रबी उपार्जन की खरीदी में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है।

वेयरहाउस संचालक सहित 7 लोगों पर FIR

जांच में करीब 40 लाख 39 हज़ार 200 रुपए के गेहूं की गड़बड़ी पाई गई। जिसमें यह खुलासा हुआ है कि कागजों में तो खरीदी दिखा दी जाती थी पर असलियत में वह खरीदा गया खाद्यान्न वेयरहाउस में मौजूद नहीं था। इस मामले में जगदीश वेयर हाउस के मालिक सहित खरीदी केंद्र प्रभारी, गोदाम प्रभारी, सर्वेयर की भी संलिप्तता पाई गई है। जिसके बाद अनीता लोधी, प्रकाश चंद कुशवाहा, दुर्गा विश्वकर्मा, केशव राय, अखिलेश राय, संदीप राजपूत और गनपत पटेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। 

अमानक गेहूं को मानक में मिलाकर बताया 

कलेक्टर ने बताया कि जगदीश वेयर हाउस में जितना गेहूं रजिस्टर में दर्ज किया गया था, जांच के दौरान उतना गेहूं नहीं मिला। जांच में यह भी पाया गया कि वेयर हाउस में अमानक गेहूं खरीद कर रखा गया था, जिसे बाद में अच्छे यानी मानक गेंहू के साथ मिलाकर शासन और हितग्राहियों से लूट की जानी थी। इस मामले में जबलपुर के जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना के द्वारा स्पष्ट निर्देश और चेतावनी दी गई है कि गरीबों को मिलने वाले खाद्यान्न में इस तरह की गड़बड़ी करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।