नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में धोखेबाज चिटफंड कंपनियों की अन्य राज्यों में खरीदी गई सौ करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी को कुर्क किया जाएगा। कुर्क की गई संपत्ति को नीलाम कर 10 लाख से ज्यादा पीड़ितों को उनका पैसा लौटाया जाएगा। सरकार के निर्देश के बाद डीजीपी ने सभी जिलों के कलेक्टरों को संपति का ब्यौरा लेकर कोर्ट में केस दर्ज कराने के लिए पत्र लिखा है।
55 करोड़ की संपत्ति की जा चुकी है नीलाम
छत्तीसगढ़ शासन ने निर्देश दिया है कि दूसरे राज्यों में चिटफंड कंपनियों की संपत्ति की जानकारी निकाली जाए। उसके बाद वहां के कोर्ट में केस भी दर्ज कार्य जाए। सरकार के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक जुनेजा ने 33 जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखा है। पिछले 4 सालों में 65 धोखेबाज चिटफंड कंपनियों की 55 करोड़ की संपत्ति नीलाम की जा चुकी है। 25 लाख लोग चिटफंड पीड़ित हैं। जिन्हे अन्य राज्यों की संपत्ति की नीलामी कर पैसा लौटाया जाएगा। कई संपत्तियों की नीलामी आखिरी चरण पर चल रही है।
चिटफंड कंपनियों के 700 डायरेक्टर जेल में
छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ पूरे प्रदेश में 462 केस दर्ज हैं। अब तक चिटफंड कंपनियों के 700 डायरेक्टरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। अभी भी 300 से ज्यादा डायरेक्टर और एजेंट की गिरफ्तारी नहीं हुई है। या फिर वो दूसरे राज्यों की जेल में कैद है। सरकार द्वारा चिटफंड कंपनियों के खिलाफ 2015 में लाए कानून के बाद संपत्तियों को कुर्क किया जा रहा है। साथ ही पीड़ितों का पैसा लौटाया जा रहा है।
पीड़ितों को इस महीने मिलेंगे 17 करोड़
हाल ही में चिटफंड कंपनियों की संपतियों को कुर्क किया गया है जिसमें से 17 करोड़ 20 लाख रुपए सरकार के खाते में आए हैं। इस महीने के आखिरी तक पीड़ितों के खाते में पैसे आ जाएंगे। रायपुर में 3 करोड़ 29 लाख पीडितों ने पैसा वापसी के लिए आवेदन दिया है। इनमें से 15 हजार लोगों को 5 करोड़ रुपए लौटा दिए गए हैं। रायपुर में ही चिटफंड कंपनियों के खिलाफ 54 एफआईआर दर्ज है।