नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में गुरुवार को प्लांट बंद होने से बिजली संकट पैदा हो गया। प्रदेश में 4900 मेगावाट बिजली की डिमांड है, लेकिन कंपनी के पास केवल 4400 मेगावाट बिजली की उपलब्धता है। 500 मेगावाट के अंतर को कम करने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली की कटौती की गई। अन्य प्रदेशों से बिजली उधार भी मांगी गई लेकिन बिजली कहीं से नहीं मिल सकी।
ये खबर भी पढ़िए....
प्रदेश में बिजली संकट
प्रदेश में गुरुवार 10 अगस्त को छत्तीसगढ़ पावर जनरेशन कंपनी के डीएसपीएम दो के एक पवार प्लांट और लारा के दोनो पावर प्लांट बंद हो गए। जिससे कारण प्रदेश में बिजली की शोर्टेज हो गई। प्रदेश में बिजली की डिमांड 4900 मेगावाट थी जबकि पावर कंपनियों के पास 4400 मेगावाट बिजली ही उपलब्ध थी। बिजली संकट से निकालने के लिए बिजली खरीदी का प्रयास किया गया। लेकिन बिजली नहीं मिली। जिसके कारण बिजली की कटौती करनी पड़ी। प्रदेश में भारी बारिश के बाद बिजली की डिमांड 49 मेगावाट चल रही है लारा प्रोजेक्ट से 4 400 मेगावाट के दो प्लांट छत्तीसगढ़ को बिजली सप्लाई करते हैं। एक प्लांट पहले से बंद था और दूसरा तकनीकी कारणों से खराब हो गया है।
ये खबर भी पढ़िए....
ओद्योगिक क्षेत्रों में की गई कटौती
लारा के दोनों प्लांट बंद होने के बाद छत्तीसगढ़ पावर जनरेशन कंपनी को बिजली सप्लाई करनी थी। लेकिन डीएसपीएम के 250 मेगावाट के एक प्लांट में ब्वॉयलर ट्यूब लीकेज के चलते बिजली उत्पादन रुक गया। इसके बाद गुरुवार को प्रदेश 1050 मेगावाट बिजली की कमी हो गई। जिसके चलते प्रदेश को बिजली का संकट का सामना करना पड़ा। संकट के नीचे निपटने के लिए अन्य राज्यों से बिजली खरीदने के लिए संपर्क किया गया। लेकिन इन दिनों सभी राज्यों में बिजली की खपत ज्यादा है। जिसकी वजह से बिजली नहीं मिल पाई।
ये खबर भी पढ़िए....