नितिन मिश्रा, RAIPUR. छत्तीसगढ़ में अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा शुक्रवार यानी 7 जुलाई को एक दिवसीय हड़ताल कर रहा है। अधिकारी-कर्मचारी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहें हैं। 23 जून को सभी सरकारी कर्मचारियों से 7 जुलाई को हड़ताल करने का आव्हान संयुक्त मोर्चा ने किया था। छत्तीसगढ़ के महानदी भवन और इंद्रवती के सामने कर्मचारी प्रदर्शन कर रहें हैं।
सभी संगठन मिलकर कर रहे प्रदर्शन
मिली जानकारी के मुताबिक़ कर्मचारियों के सभी संगठन मिलकर अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले यह हड़ताल कर रहें हैं। संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कमल वर्मा ने 23 जुलाई को सभी से एक दिन की हड़ताल करने का आव्हान किया था। आज प्रत्येक सरकारी कर्मचारी अपने ब्लॉक, तहसील और जिले में प्रदर्शन करने बैठे हैं। इसके फलस्वरूप शुक्रवार को सारे सरकारी काम-काज ठप हो गए हैं। संयुक्त मोर्चा की इस हड़ताल में छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी महासंघ, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेड्रेशन, छत्तीसगढ़ मंत्रालय कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी महासंघ के साथ विभिन्न कर्मचारी संगठन संयुक्त मोर्चा के साथ मिलकर हड़ताल कर रहें हैं। संयुक्त मोर्चा द्वारा मुख्य सचिव को मांगों लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा। मांगें पूरी नहीं होने पर 1 अगस्त से अनिश्चितक़ालीन हड़ताल में जाने की चेतावनी दी गई है।
ये हैं पांच सूत्रीय मांगें
छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा इन मांगो को लेकर एक दिवसीय हड़ताल करेगा-
1.अनियमित दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
2.केंद्र समान महंगाई भत्ता का लाभ दिए जाने,पीगुआ कमेटी को रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
3. 8 वर्ष, 16 वर्ष, 24 वर्ष, 30 वर्ष की सेवा अवधि उपरांत4 स्तरीय वेतनमान का लाभ दिया जाए।
4.कर्मचारियों के प्रथम नियुक्ति दिनांक से सेवा गणना करते हुए पुरानी पेंशन लागू की जाए।
5. 7 वाँ वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए
कैबिनेट बैठक में हुए फैसले का स्वागत लेकिन प्रदर्शन जारी
6 जुलाई गुरुवार को भूपेश बघेल कैबिनेट की बैठक हुई। जिसमें कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। जिसमें से एक शासकीय कर्मचारियों में महंगाई भत्ते में 5 प्रतिशत की वृद्धि का फ़ैसला लिया गया। लेकिन यह फैसला जिनके लिए हुआ वो इससे खुश नहीं हैं। अधिकारी कर्मचारियों का कहना है कि हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। लेकिन कैबिनेट बैठक में अन्य विषयों पर चर्चा नहीं की गई। जो दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके बाद अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने हड़ताल को यथावत करने का निर्णय लिया। बहरहाल सभी संगठन प्रदर्शन कर रहें है। जिससे सरकारी काम-काज ठप हो चुका है।