ज्ञानेंद्र पटेल, INDORE. शहर में जमीन माफिया और इसकी काली करतूतों को लगातार बेनकाब करने की द सूत्र की मुहिम से परेशान माफिया अब खबरें रुकवाने के लिए पैसों की डील करने की ओछी हरकत पर उतर आया है। इंदौर के कैलोद करताल इलाके में ग्रीन बेल्ट की जमीन पर प्लॉट काटकर बेचने की खबर रोकने के लिए जमीन माफिया ने द सूत्र की टीम को एक लाख रुपए की पेशकश की। लेकिन द सूत्र के रिपोर्टर ने इसे ठुकराते हुए साफ कर दिया कि 'द सूत्र' बिकाऊ नहीं बल्कि निष्पक्ष और विश्वसनीय पत्रकारिता के लिए संकल्पित और प्रतिबद्ध है। आइए आपको बताते हैं कि इंदौर में अवैध कॉलोनी के किस मामले में द सूत्र को कैसे खरीदने का असफल प्रयास किया गया।
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अवैध कॉलोनी का ये मामला
मामला इंदौर शहर के वार्ड नंबर 77 है। यहां बीजेपी के पूर्व पार्षद है पुष्पराज सिंह चौहान पर आरोप है कि वे कैलोद करताल एरिया में एक के बाद एक अवैध कॉलोनी काट रहे हैं। इस गोखधंधे में उनके साथ मनोज नागर (नगर निगम का पूर्व मस्टरकर्मी), जमीन मालिक भरत चौहान और सचिन श्रीवास्तव भी शामिल हैं। ये सभी आपस में मिलकर करीब सौ प्लाट बेच चुके हैं। इन प्लाट का बाजार मूल्य करीब 2 हजार रुपए प्रति वर्गफीट है। इस हिसाब से 20 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्लाट अवैध रूप से बेचे जा चुके हैं।
प्रशासन को जानकारी दी तो आ गया रिश्वत के लिए फोन
'द सूत्र' की टीम ने महीने भर तक इस एरिया पर नजर रखी और अवैध कॉलोनियों का पता लगाया तो यह बात सामने आई कि इस इलाके में एक-दो नहीं बल्कि कई अवैध कॉलेनियां काटी जा रही हैं। हैरानी की बात ये है कि इन कॉलोनियों को वैध कराने के लिए भी जमीन माफिया सक्रिय हो गया है। 'द सूत्र' की टीम ने इस मामले की जानकारी क्षेत्रीय एसडीएम प्रिया वर्मा और तहसीलदार के साथ ही नगर निगम प्रशासन को भी दी। इस पर रटा-रटाया जवाब मिला कि दिखवाते हैं। लेकिन यहां से कोई कार्रवाई होना तो दूर उल्टे 'द सूत्र' की टीम के पास जमीन माफिया के फोन आने लगे।
इस तरह दिया खबर रोकने का ऑफर
सबसे पहले इंदौर नगर निगम के पूर्व मस्टर कर्मचारी मनोज नागर ने रिपोर्टर ज्ञानेंद्र पटेल को फोन कर कहा कि खबर मत छापिए, वहां मेरा भी वहां प्लाट है। करीब 20 लोगों के मकान बन रहे हैं। हम सभी लोग चार-पांच हजार रुपए मिलाकर आपको रुपए दे देते हैं, मामला खत्म करिए। रिपोर्टर ने उससे पूछा कि आपको यह जानकारी कहां से लगी कि हम मामले को लेकर खबर कर रहे हैं। उसने बताया कि प्रशासन को आपने जो जानकारी दी है, वहीं से आपका नंबर मिला और बाकी जानकारी भी। बता दें कि मनोज नागर पूर्व पार्षद चौहान का करीबी है। उसके बाद एक और व्यक्ति का फोन आया, जिसकी पहचान पता नहीं चली, उसने कहा कि मैं आपके इंदौर आफिस से लेकर भोपाल ऑफिस तक बात कर लूंगा। मैं सभी को जानता हूं, आप ये खबर मत करो, हम मिल लेते हैं। इस पर 'द सूत्र' की टीम ने साफ इनकार करते हुए कहा कि खबर तो नहीं रुकेगी यदि आपको अपना कोई पक्ष रखना है तो बता दीजिए।
ग्रीन बेल्ट में कट रही है अवैध कॉलोनी
उल्लेखनीय है कि इंदौर जिले की तहसील बिचौलीहप्सी के पटवारी हल्का नंबर 29, राजस्व निरीक्षण मंडल -2 के कैलोद करताल इलाके में सर्वे नंबर 764/1, की ग्रीन बेल्ट और उसके आसपास की जमीनों पर धड़ल्ले से नियम विरुद्ध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। अधिकतर अवैध कॉलोनियों का निर्माण गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की जमीन और ग्रीन बेल्ट की भूमि पर हो रहा है।
पंचनामा बनाया, लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं
नगर निगम के जोन -13 के भवन निरीक्षक दीपक घरघटे ने 27 अप्रैल 2023 को पुष्पकुंज हॉस्पिटल के पीछे ग्रीन बेल्ट की जमीन पर कट रही अवैध कॉलोनी में पहुंचकर पंचनामा बनाया। इस प्रक्रिया के दौरान कालोनी में खड़े एक शख्स ने निगम के भवन निरीक्षक को पूर्व पार्षद से बात करने को कहा। पंचनामा तैयार करने के बाद भवन निरीक्षक ने बताया कि इलाके के पटवारी को उपरोक्त खसरा नंबर पर कट रही अवैध कॉलोनी के बारे में रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया था। लेकिन जब 'द सूत्र' रिपोर्टर ने इस बारे में संबंधित पटवारी और तहसीलदार बात की तो उन्होंने अवैध कालोनी के बारे में किसी भी रिपोर्ट से इनकार किया।
अवैध कॉलोनियों में मेरी कोई भूमिका नहींः चौहान
सूत्रों के मुताबिक कैलोद करताल इलाके में ग्रीन बेल्ट की जमीन पर अवैध रूप से कॉलोनी काटकर करीब 100 से ज्यादा प्लाट बेचे जा चुके हैं। इनके खरीददारों से 2 हजार रुपए प्रति वर्गफुट से लेकर 2,500 रुपए तक की कीमत वसूल की गई है। इस मामले में नाम सामने आने पर द सूत्र ने बीजेपी के पूर्व पार्षद पुष्पेंद्र चौहान से बात की तो उन्होंने किसी भी अवैध कॉलोनी में अपनी कोई भूमिका होने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि इलाके में कई अवैध कॉलोनियां हैं, जिन्हें वैध करने के लिए नगर निगम प्रशासन को आवेदन दिए गए हैं।