संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में आदिवासी समाज ने महारैली निकालकर विश्व आदिवासी दिवस मनाया। लालबाग से राजीव गांधी चौराहे तक निकाली गई इस रैली में बड़ी संख्या आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए। इस रैली में आदिवासी समाज ने मणिपुर की घटना और आदिवासी अत्याचार से जुड़े मुद्दों को लेकर आवाज उठाई। रैली में शामिल लोगों के हाथों में मणिपुर घटना, सीधी की घटना और आदिवासी अत्याचार विरोध में बैनर पोस्टर और तख्तियों थी। जिन पर आदिवासी अत्याचारों के विरोध में नारे लिखे हुए थे। इसके साथ ही आदिवासी समाज के लोगों ने जमकर नारेबाजी की। इस महारैली में मणिपुर की घटना के दोषियों को फांसी देने की मांग करते हुए नारे भी लगाए गए।
सामाजिक मुद्दों और विषयों पर किया विचार-मंथन
इस महारैली में अधिकांश लोगों के हाथों में तख्तियां थी, जिन पर लिखा है- जल जंगल जमीन बचाओ, बहन-बेटियों की रक्षा करो, प्यासी धरती करे पुकार पेड़ लगाओ करो उद्धार, बेकलॉग भर्ती तुरंत करो। इस तरह इस रैली में अनेक मुद्दों को उठाया गया है। महारैली सुबह लालबाग से रवाना होकर धीरे-धीरे आगे बढ़ी और दोपहर तक राजीव गांधी प्रतिमा पहुंची। इसके बाद सिल्वर ऑक गार्डन में सामाजिक विषय व मुद्दों पर विचार-मंथन किया। जिसमें कई आदिवासी संगठनों के प्रमुख शामिल हुए। महारैली में हजारों आदिवासी समाज के लोग जमा हुए हैं। रैली लालबाग से रवाना होकर कलेक्टोरेट, जूनी इंदौर ब्रिज, सिंधी कॉलोनी, भंवरकुआं से एबी रोड होकर महारैली राजीव गांधी प्रतिमा स्थल पहुंचने जा रही है। इसके बाद सिल्वर ऑक गार्डन में यह रैली आमसभा में बदल गई।
साल 1994 में घोषित हुआ था विश्व आदिवासी दिवस
वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया गया था। इस दिन आदिवासी समाजजन अपने मानव अधिकारों के संवर्धन एवं संरक्षण की बात करते हैं और अपनी मूलभुत सुविधाओं एवं अपनी समस्याओं से अवगत करवाता है।
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मप्र में आदिवासी वर्ग आरक्षित हैं 47 सीटें
चुनाव के पहले आदिवासी लगातार एकजुट होता जा रहा है जो बीजेपी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। बीते 2018 चुनाव में इन सीटों पर हार ने ही सत्ता गंवा दी थी। मप्र में 230 विधानसभा में 47 सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है और मालवा-निमाड़ में 66 सीटों में से 22 सीट इस वर्ग के लिए आरक्षित है। बीते चुनाव में इन 22 सीटों में से कांग्रेस ने 15 सीटों पर जीत हासिल की थी।