भोपाल-इंदौर में अक्टूबर में चलने लगेंगी मेट्रो, अगस्त में होगा ट्रायल रन, राजधानी में सुभाष नगर से हबीबगंज स्टेशन तक होगा परीक्षण

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The Sootr
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भोपाल-इंदौर में अक्टूबर में चलने लगेंगी मेट्रो, अगस्त में होगा ट्रायल रन, राजधानी में सुभाष नगर से हबीबगंज स्टेशन तक होगा परीक्षण

BHOPAL. भोपाल-इंदौर के लोगों का मेट्रो में सफर करने का सपना जल्द पूरा होगा। चुनाव को देखते हुए मेट्रो कॉर्पोरेशन ने काम में तेजी ला दी है। मेट्रो कॉर्पोरेशन के एमडी मनीष सिंह का कहना है कि हमारा प्रयास है कि हर हाल में अगस्त में मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन हो जाए। इसमें भोपाल में सुभाष नगर से हबीबगंज स्टेशन तक 5 किमी और इंदौर में सुपर कॉरिडोर गांधी नगर से लवकुश नगर तक 6 किमी ट्रायल रन करने के लिए मेट्रो का प्रायोरिटी कॉरिडोर तय किया गया है। ट्रायल रन में 3 बोगी वाली मेट्रो चलाई जाएगी। इसके बाद सेंट्रल मेट्रो रेल कमिश्नर की तरफ से अनुमति मिलते ही अक्टूबर तक मेट्रो की सुविधा शुरू कर दी जाएगी। 15-15 मेट्रो शुरुआत में भोपाल-इंदौर में चलेंगी। बाद में इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। 



हर हाल में​ विधानसभा चुनाव से पहले दौड़ेंगी मेट्रो



मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं कि हर हाल में​ विधानसभा चुनाव से पहले मेट्रो प​टरी पर दौड़ने लगे, जिससे इसका फायदा उन्हें चुनाव में मिले। भोपाल-इंदौर मेट्रो के मॉडल के नाम पर ग्वालियर-जबलपुर में भी जल्द मेट्रो लाने की बात भी प्रचारित करना आसान होगा। य​ही वजह है कि मेट्रो रेल कार्पोरेशन के काम में एक दम तेजी आ गई है। सरकार ने भी बजट में 710 करोड़ का प्रावधान किया है। 



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इंदौर में पहुंच चुकी है पटरियों की पहली खेप



भोपाल-इंदौर मेट्रो की बोगियां बड़ौदा में एल स्ट्रॉम कंपनी ने बनाना शुरू कर दी हैं। वहीं इसकी पटरियां छत्तीसगढ़ के रायगढ़ की जिंदल फैक्ट्री में तैयार हो रही है। इन्हें ट्रॉलों के जरिए इंदौर और भोपाल पहुंचाया जा रहा है। इंदौर में इसकी पहली खेप पहुंच चुकी है। भोपाल मेट्रो के लिए जहां 8120 मैट्रिक टन पटरियां लगेंगी। वहीं इंदौर मेट्रो के लिए 8425 मैट्रिक टन पटरियों की जरूरत बताई गई है। 



इसी हफ्ते होगी पटरियों को बिछाने की शुरुआत 



4500 मैट्रिक टन पटरियां चार से पांच महीने में सप्लाई करना होगी और फिर 1500 मैट्रिक टन। इसके बाद 18 से 19 महीनों में और फिर 2425 मैट्रिक टन 30 से 34 महीने में सप्लाई होगी। गिट्टी बिछाने, स्लीपर डालने के साथ पटरियों को बिछाने की शुरुआत भी हफ्तेभर में शुरू हो जाएगी। एक किलोमीटर के लिए लगभग 120 मैट्रिक टन पटरियों की आवश्यकता पड़ती है। कलकत्ता टैक्समाको की कंपनियों को पटरियां बिछाने का ठेका दिया गया है।


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