इमरान का देश के नाम फिर संबोधन; भारत, हॉर्स ट्रेडिंग, अमेरिकी साजिश पर ये बोले

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Atul Tiwari
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इमरान का देश के नाम फिर संबोधन; भारत, हॉर्स ट्रेडिंग, अमेरिकी साजिश पर ये बोले

इस्लामाबाद. पाकिस्तान की सियासी उठापटक मची हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने का फैसला सुनाया है। 9 अप्रैल को साफ हो जाएगा कि पाकिस्तान की कमान अब किसके हाथ में जाने वाली है। वोटिंग से पहले 8 अप्रैल को इमरान ने देश के नाम संबोधन में कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हैं। उन्होंने भारत की दिल खोलकर तारीफ भी की। ये भी कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के पीछे विदेशी साजिश होने के आरोपों की जांच होनी चाहिए थी. 





इमरान खान के संबोधन की 9 बातें...





1. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अफसोस





कोर्ट ने जो फैसला किया है, वो मुझे स्वीकार है, लेकिन डिप्टी स्पीकर ने जो फैसला किया था, वो आर्टिकल-5 के तहत था। यानी बाहर के मुल्क ने साजिश करके सरकार को गिराने की कोशिश की। मैं चाहता था कि इतने बड़े आरोप पर कम से कम जांच हो। सुप्रीम कोर्ट कम से कम इतनी बड़ी साजिश के दस्तावेजों को एक बार देख तो लेता...। लेकिन इस पर कोई बात नहीं हुई। इससे मुझे काफी निराशा हुई। 





2. भेड़ बकरियों की तरह सांसदों की खरीद-फरोख्त हो रही





खुलेआम हॉर्स ट्रेडिंग की जा रही है। भेड़ बकरियों की तरह सांसद खरीदे जा रहे हैं। बच्चे-बच्चे को पता है कि कौन सा सांसद कितने में खरीदा जा रहा है। हमें उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट इस पर खुद नोटिस ले। बिके सदस्यों को होटलों में बंद करके रखा जा रहा है। हमारे युवाओं को अगर गाइड नहीं किया जाएगा, उनके विचारों को आगे नहीं किया जाएगा, तो वे ये सोचेंगे कि प्रतिनिधियों को खरीदा बेचा जा रहा है तो वे क्या सोंचेगे। सियासत अब और नीचे चली गई है। 





3.  किसी देश में पाकिस्तान जैसा नहीं होता





मैं आम पाकिस्तानी की तरह बात कर रहा हूं। इस मुल्क को काफी आगे ले जाना है। इसके लिए हम संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन इस तरह की घटनाओं से संघर्ष को काफी झटका लगता है। पाकिस्तान में खुलेआम ऐसी चीजें हो रही हैं, लेकिन सभी आराम से इसे देख रहे हैं। मैंने कभी इस तरह की चीज कभी किसी देश में नहीं देखी, न कभी कहीं ऐसा हुआ। वहां कभी कोई किसी को खरीद नहीं सकता, क्योंकि जनता उनके खिलाफ खड़ी हो जाती है। 





4. अमेरिका को हमारे बारे में सब पता था





मेरी कौम से अपील है कि आप ऐसी चीजें देखते हैं कि बाहर की साजिश करके सरकार के खिलाफ इस तरह के कदम उठाए जाते हैं। अगर आप इसके खिलाफ खड़े नहीं होते तो आपको और कोई बचाने नहीं आएगा। हमारा अमेरिका में राजदूत था, उसकी अमेरिकी अधिकारी से बात हुई। अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि इमरान खान को रूस नहीं जाना चाहिए था। उस वक्त पाकिस्तान में उनकी सरकार के खिलाफ कुछ नहीं चल रहा था, लेकिन अमेरिकी अधिकारी को पता था कि पाकिस्तान में ये सब होगा। 





अमेरिकी अधिकारी ने कहा, अगर इमरान खान इन सबसे बच जाता है तो पाकिस्तान को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। अगर इमरान हार जाते हैं, तो पाकिस्तान को माफ कर दिया जाएगा। हमें फैसला करना है कि हमें किस तरह का पाकिस्तान चाहिए। इमरान खान एंटी अमेरिका नहीं है, लेकिन हम कोई टिश्यू पेपर नहीं हैं जो आप इस्तेमाल करके फेंक दें। 





5. बाहर से हुक्म आ रहा है...





हम 22 करोड़ लोग हैं, ये हम सब लोगों के लिए तौहीन है कि वो हुक्म दे रहा है कि अगर पीएम बच जाता है तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। अगर हमें इस तरह की जिंदगी गुजारनी है तो हम क्यों आजाद हुए थे। बाहर से हुक्म आ रहा है कि इसे नहीं हटाते तो मुश्किल होगी। इसके बाद से हमारे सांसद विपक्ष के पास जाने लगते हैं। 





6. मीडिया पर लगाए आरोप





मीडिया के अंदर भी पैसे चल रहे हैं। मीडिया को भी शर्म नहीं आई कि एक शख्स किसी पार्टी के टिकट पर जीता है, उसे खरीदा जा रहा है। वह विपक्ष के साथ जा रहा है और मीडिया इसमें जश्न मना रहा है। ये पूरा प्लान था। स्क्रिप्ट के तहत काम हो रहा था। ये जरूरी है कि फैसला करें कि क्या चाहते हैं, खुद्दार कौम बनें या गुलाम बने रहें। 





7. किसी देश की भारत के खिलाफ जुर्रत नहीं





हिंदुस्तान पाकिस्तान के साथ आजाद हुआ था। मैं काफी बेहतर से जानता हूं। क्रिकेट की वजह से मुझे वहां काफी इज्जत मिलती रही, प्यार मिला। भारतीय खुद्दार कौम है। मैं निराश हूं कि केवल आरएसएस की विचारधारा और भारत सरकार द्वारा कश्मीर के साथ जो किया गया, उसकी वजह से हमारे बीच संबंध अच्छे नहीं हैं। मेरी भारत से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन आज कोई भी महाशक्ति भारत के लिए शर्तें तय नहीं कर सकती। कभी किसी की जुर्रत नहीं है कि वहां कोई इस तरह का आदेश दे दे कि आपको किस मुल्क के साथ क्या करना है। आज भारत तमाम प्रतिबंधों के बावजूद रूस से तेल खरीद रहा है। भारत ने साफ कर दिया है कि इसमें भारत के लोगों की भलाई है। इमरान खान की भी यही दिक्कत है मेरी किसी से लड़ाई नहीं है। मैं भी यही चाहता हूं कि जो मेरे लोगों के भले के लिए हो, वही हम फैसला लें।





8. जनता लोकतंत्र की रक्षा कर सकती है 





सेना नहीं, लोग लोकतंत्र की रक्षा कर सकते हैं। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, जनता के सामने आओ और चुनाव की घोषणा करो। भ्रष्टाचार में डूबा विपक्ष मुझे सत्ता से बाहर होते देखना चाहता है ताकि उनके खिलाफ केस दब सकें। मैं लड़ने के लिए तैयार हूं। 





9. जनता रविवार को विरोध प्रदर्शन करे





मैं लंबे वक्त से संघर्ष कर रहा हूं। 22 साल से संघर्ष कर रहा हूं, आगे भी तैयार हूं, लेकिन अब जनता को निकलना है। मैं संघर्ष के लिए तैयार हूं। आप सभी को रविवार (10 अप्रैल) को निकलना है। आपको शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना है। आपको अपने भविष्य, आजादी और लोकतंत्र के लिए बाहर आना है। 



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