नासा की साइंटिस्ट रह चुकीं भारतवंशी बोलीं- ब्रह्मांड में हम अकेले जीव नहीं, बृहस्पति-शनि पर भी हो सकता है जीवन

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Rajeev Upadhyay
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नासा की साइंटिस्ट रह चुकीं भारतवंशी  बोलीं- ब्रह्मांड में हम अकेले जीव नहीं, बृहस्पति-शनि पर भी हो सकता है जीवन

New Delhi. नासा ने मंगल ग्रह पर रोवर लैंड कराकर कई महीनों तक स्टडी की थी। रोवर की लैंडिंग के लिए जो पैराशूट मॉड्यूल यूज किया गया था, उसे नासा की साइंटिस्ट और एयरोस्पेस इंजीनियर डॉ अनीता सेनगुप्ता ने डेवलप किया था। एक मीडिया समूह के कार्यक्रम में डॉ अनीता ने कहा कि इंसान की फितरत है कि वह खोज करता है। हम मंगल ग्रह पर इसलिए जाना चाहते हैं, ताकि वहां बस्ती बसा सकें। इंसान की खोज की फितरत ही उसे आगे बढ़ने प्रेरित करती है। हमें अन्य ग्रहों पर जीवन खोजना है। भले ही वह एक कोशीय जीवों का जीवन क्यों न हो। 





डॉ अनीता सेनगुप्ता ने कहा कि हमने यह कभी नहीं माना कि हम सौर मंडल में रहने वाले अकेले जीव हैं। बृहस्पति के चांद यूरोपा पर भी जीवन हो सकता है। वहां बर्फीले समुद्र पाए गए हैं। हो सकता है कि एलियन वहां निवास रहते हों। शनि ग्रह के चांद पर भी ऑर्गनिक मटेरियल है। वहां पर भी जीवन हो सकता है। भले ही एक कोशीय जीवों का बसेरा हो। 





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नासा के मंगल मिशन के बारे में बताते हुए डॉ अनीता ने बताया कि मंगल पर रोवर को लैंड कराना सबसे डरावना और सबसे एक्साइटिंग था। 7 मिनट तो पूरे मिशन के लिए काफी डरावने थे। उस मिशन के लिए पैराशूट डेवलप करना मेरे करियर का सबसे बड़ा मौका था। 7 मिनट तक तो हमारी सांसें अटकी हुई थीं। 





डॉ सेनगुप्ता ने बताया कि उन्होंने 6 साल की उम्र में स्टारट्रेक देखा था। मेरे पिता इंजीनियर थे, तब मैने उनसे कहा था कि मुझे एस्ट्रोफिजिसिस्ट बनना है। उन्होंने बताया कि वे भारतीय कंपनियों के साथ काम करना चाहती हैं। वे यहां पार्टनरशिप करने के मूड में हैं, क्योंकि यहां पर स्टार्टअप्स बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग से बेहतर कोई डिग्री नहीं होती क्योंकि वो आपको असली समस्याओं का समाधान खोजने में मदद करती है। 





फिलहाल हाइड्रोप्लेन पर कर रहीं काम





डॉ सेनगुप्ता ने बताया कि मेरी अगली मुहिम पृथ्वी और जलवायु परिवर्तन को सुधारना है। फिलहाल इसके लिए हाइड्रोप्लेन पर काम चल रहा है। यह एक ऐसा प्लेन है, जिसमें कोई शोर नहीं होता, प्रदूषण नहीं होता और यह क्लीन एनर्जी पर चलता है। 



Former NASA scientist said we are not the only creatures in the universe there can be life on other planets too नासा की पूर्व साइंटिस्ट बोलीं ब्रम्हांड में हम अकेले जीव नहीं अन्य ग्रहों पर भी हो सकता है जीवन