RAIPUR. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आने वाली बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर 27 जनवरी को छत्तीसगढ़ समेत देशभर के विद्यार्थियों के साथ परीक्षा पे चर्चा की। संवाद कार्यक्रम का आयोजन राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में किया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने टाइम मैनेजमेंट, नकल से बचने और आलोचना से निपटने के तरीकों के बारे में बताया। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में देशभर से 20 लाख सवाल पूछे गए। इनमें से ज्यादातर सवाल तनाव को दूर करने को लेकर पूछे गए हैं। सवाल पूछे जाने वाले 16 लाख छात्र ग्रामीण इलाकों से हैं। छत्तीसगढ़ से 11 हजार विद्यार्थी और शिक्षकों ने सवाल पूछे।
रायपुर की अदिति दीवान ने जाना टाइम मैनेजमेंट
रायपुर में 12वीं की छात्रा अदिति दीवान ने पीएम से पूछा कि मैं इस बात को लेकर चिंतित रहती हूं कि मुझे बहुत कुछ करना है, लेकिन अंतिम तक मैं कुछ भी नहीं कर पाती हूं, क्योंकि मेरे पास बहुत सारे कार्य होते हैं। यदि मैं अपना कोई काम समय पर पूरा कर भी लूं तो और ज्यादा परेशान हो जाती हूं। मैं यह जानने के लिए उत्सुक हूं कि मैं अपने सारे कार्य समय पर कैसे करूं। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि कि सिर्फ परीक्षा नहीं, जीवन में भी टाइम मैनेजमेंट के लिए जागरूक रहना चाहिए। काम में देर इसलिए होती है, क्योंकि काम सही समय पर नहीं किया जाता है। काम करने पर कभी थकान नहीं होती। काम करने से संतोष होता है। काम ना करने से थकान लगती है। सामने दिखता है कि इतना सारा काम है। आप कभी कागज पर पेन पेंसिल लेकर डायरी पर लिखिए, एक हफ्ते भर आप नोट कीजिए कि आप अपना समय कहां बिताते हैं। पढ़ाई करते हैं तो कितना समय किस विषय को देते हैं, उसमें भी शॉर्टकट ढूंढते हैं कि बेसिक में जाते हैं। आप एनालिसिल कीजिए। आपको पता चलेगा कि पसंद की चीजों में सबसे ज्यादा समय लगाते हैं। उसी में खोए रहते हैं। जरूरी विषय आपको बोझ लगने लगते हैं। पढ़ने में भी जब फ्रेश माइंड है, तब सबसे कम पसंद और कठिन विषयों को पढ़िए। फिर पसंद वाला, फिर थोड़ा कम पसंद वाला विषय, ऐसे आपको रिलेक्सेशन मिलेगा और रूचि बढ़ेगी।
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बस्तर के रूपेश ने पूछा - परीक्षा में अनुचित साधनों से कैसे बचा जाए
इस दौरान पीएम मोदी से बस्तर के दरभा के स्कूल के क्लास 9वीं के रूपेश कश्यप ने भी बात की। रूपेश ने परीक्षा में अनुचित साधनों से कैसे बचा जाए इस पर सवाल पूछा। पीएम मोदी ने इस सवाल पर खुशी जताते हुए इसका जवाब देते हुए कहा कि हमारे छात्रों को भी ये लग रहा है कि परीक्षा में जो गलत प्रैक्टिस होती है, उसका रास्ता खोजना चाहिए। खासकर मेहनती छात्रों को इसकी चिंता ज्यादा रहती है। पहले भी लोग नकल करते होंगे, लेकिन छुप-छुपकर करते थे। लेकिन अब तो गर्व से कहते हैं कि सुपरवाइजर को चीट कर दिया। मूल्यों में जो बदलाव आया है ये खतरनाक है, इसलिए पूरे समाज को इसके बारे में सोचना होगा।
ट्यूशन क्लासेस पर से बोले पीएम
पीएम ने कहा कि कुछ स्कूल और कुछ ऐसे टीचर जो ट्यूशन क्लासेस चलाते हैं, उनको भी लगता है कि मेरा स्टूडेंट अच्छे से निकल जाए, क्योंकि मैंने उनके माता-पिता से पैसे लिया है। कुछ स्टूडेंट पढ़ने में टाइम नहीं लगाते, लेकिन नकल करने के तरीके ढूंढने में क्रिएटिव होते हैं, उसमें घंटों लगा देंगे। ऐसे बच्चे उसी क्रिएटिविटी और टैलेंट को सीखने में लगाते तो ये उसके लिए ज्यादा अच्छा रहेगा।