मिलिंद बायवार, BHOPAL. कैश फॉर क्वेरी यानी पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा की आचार समिति (एथिक्स कमेटी) ने 31 अक्टूबर पेश होने को कहा है। हालांकि, महुआ ने शुक्रवार 27 अक्टूबर को एथिक्स कमेटी से मांग की है कि उन्हें पेश होने के लिए समय दिया जाए। उन्होंने कहा है कि चुनावी कार्यक्रमों की वजह से वे 4 नवंबर से पहले पेश नहीं हो सकेंगी। उधर, महुआ पर आरोप लगाने वाले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और दुबे के वकील जय अनंत देहाद्रई ने अपना बयान दर्ज कर दिया है। वकील जय अनंत देहाद्रई वैसे तो महुआ के करीबी दोस्त रहे हैं, लेकिन वे इस समय महुआ के खिलाफ खड़े हुए हैं। सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ। दरअसल इसके पीछे भी लंबी कहानी है और इस कहानी में आता है एक पालतू कुत्ता भी।
यह है सच्चाई
सच्चाई यह है कि सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रई के एक पत्र को आधार बनाते हुए ही बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर कैश फॉर क्वेरी का मामला उठाया है। बताया जाता है कि जय अनंत देहाद्रई और महुआ साथ रहे हैं, लेकिन किसी वजह से दोनों अलग हो गए। अलग होने के बाद दोनों के बीच पालतू कुत्ते को लेकर ठन गई। यह विवाद भी तीन साल से चला आ रहा है। यह रोटविलर ब्रीड का यह कुत्ता फिलहाल मोइत्रा के पास है। कुत्ते का नाम है हेनरी। जय अनंत देहाद्रई चाहते हैं कि हेनरी उनके पास रहे। इसे लेकर पुलिस में भी केस दर्ज हुआ है।
कुत्ते के बदले शिकायत वापस लेने का दबाव
देहाद्रई ने ट्वीटर पर लिखा है कि हेनरी के बदले मुझे सीबीआई को की गई शिकायत और निशिकांत दुबे को लिखे पत्र को वापस लेने के लिए मजबूर करने का प्रयत्न किया गया है। देहाद्रई ने लिखा कि मैंने स्पष्ट कर दिया है कि मैं सीबीआई को जानकारी जरूर दूंगा। दरअसल महुआ ने कहा है वे कुत्ते को देहाद्रई को सौंप देंगी, लेकिन शर्त यह है कि देहाद्रई कैश फॉर क्वेरी मामले में सीबीआई को की गई शिकायत वापस ले लें।
कुत्ते को लेकर जय अनंत का दावा
जय अनंत देहाद्रई का कहना है कि उन्होंने हेनरी को 75 हजार रुपए में खरीदा था। देहाद्रई ने कुत्ते को खरीदने की रसीद भी दिल्ली पुलिस कमिश्नर को सौंपी है। जय अनंत के मुताबिक हेनरी मेरे बच्चे जैसा है, जब वह 40 दिन का था तब से मैंने उसकी देखभाल की है। जय अनंत देहाद्रई का आरोप है कि महुआ ने 10 अक्टूबर हेनरी का अपहरण कर लिया और अपने साथ ले गई।
मोइत्रा से खुद के वकील भी हुए अलग
यहां बात केवल देहाद्रई और महुआ के बीच विवाद की ही नहीं है, बल्कि महुआ मोइत्रा के वकील गोपाल शंकर नारायणन की भी आती है। गोपाल शंकर नारायणन ने भी खुद को अलग कर लिया है। दरअसल कैश फॉर क्वैरी मामले में आरोप लगने के बाद महुआ ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई पर मानहानि का केस किया था। इस केस में गोपाल शंकर नारायणन को महुआ ने अपना वकील बनाया था, लेकिन पहली सुनवाई में ही गोपाल शंकर नारायणन ने खुद को इस केस से अलग कर लिया। दरअसल गोपाल शंकर नारायणन इस केस को कोर्ट के बाहर ही सुलझाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने देहाद्रई को फोन किया था। इस बात का जिक्र देहाद्राई ने कोर्ट में कर दिया। इस पर जस्टिस सचिन दत्ता भड़क गए और उन्होंने कहा कि वे हैरान है कि वकील गोपाल शंकर नारायणन ने मीडिएटर का रोल अदा करने की कोशिश की। इस पर गोपाल शंकर नारायणन केस से अलग हो गए।