New Delhi. विपक्षी नेताओं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के अलावा कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पवन खेड़ा और शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की ओर से आईफोन हैक करने के लिए 'सरकार प्रायोजित' हमले की कोशिश के आरोपों को लेकर आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल को केंद्र सरकार ने सवाल भेजकर जवाब मांगा है। आईटी मंत्रालय ने Apple प्रतिनिधियों से पूछा कि आप इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंचे कि हमला 'सरकार प्रायोजित' था? सरकार ने पूछा, 'आप (Apple) किस आधार पर इस नतीजे पर पहुंचे कि फोन को रिमोट से एक्सेस किया जाएगा, संवेदनशील डेटा लीक किया जाएगा? क्या आपके पास इसका सबूत है?'
टीएमसी, कांग्रेस, आप के नेताओं ने किया था हैकिंग का दावा
आपको बता दें, विपक्ष के कुछ सांसदों ने मंगलवार (31 अक्टूबर) को दावा किया था कि उन्हें एप्पल की ओर से हैकिंग की कोशिशों से संबंधित संदेश आया है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के अलावा कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पवन खेड़ा और शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी अपने फोन में आए इस तरह के अलर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किए थे, वहीं आप सांसद राघव चड्ढा, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी के फोन पर भी ये अलर्ट आया है, उधर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपने फोन पर अलर्ट मिलने का दावा किया था।
राहुल ने मोदी सरकार पर साधा था निशाना
इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा, जब हम अडानी का मुद्दा उठाते हैं, आईटी एजेंसी, स्नूपिंग, सीबीआई सभी एकसाथ आ जाते हैं। पहले मैं सोचता था कि पीएम मोदी नंबर एक पर हैं और अडानी दूसरे नंबर पर हैं, लेकिन अब मुझे लगता है कि अडानी पहले नंबर पर हैं और मोदी नंबर दो पर हैं।
अश्विनी वैष्णव ने दी सफाई : सरकार मामले को गंभीरता से ले रही
विपक्ष के इन आरोपों पर अब केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सफाई देते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'हम एप्पल की तरफ से आए मैसेज के बारे में कुछ सांसदों के साथ-साथ अन्य लोगों के मीडिया में देखे गए बयानों से चिंतित हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उन्हें मिले मैसेज में उनके मोबाइलों पर राज्य-प्रायोजित हमलों की बात कही जा रही है, हालांकि इस मुद्दे पर Apple द्वारा दी गई जानकारी अस्पष्ट लगती है। Apple का कहना है कि ये सूचनाएं शायद उन सूचनाओं पर आधारित हैं जो अधूरी हैं। Apple का यह भी कहना है कि कुछ Apple अलर्ट गलत अलार्म होते हैं या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता है।'