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NEW DELHI. जस्टिस उदय उमेश ललित (UU Lalit) ने 27 अगस्त को देश के 49वें चीफ जस्टिस पद की शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। जस्टिस ललित सिर्फ 74 दिन चीफ जस्टिस के पद पर रहेंगे। उनके 90 साल के पिता भी शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे। उनके परिवार के लिए वकालत कोई नई बात नहीं है। 102 साल से ललित परिवार वकालत के पेशे में है।
दादा-पिता नामी वकील थे
CJI ललित के दादा महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में वकालत करते थे। उनके पिता उमेश रंगनाथ ललित (90) भी नामी वकील रहे हैं, वेबॉम्बे हाईकोर्ट में जज रह चुके हैं। CJI ललित की पत्नी अमिता ललित नोएडा में स्कूल चलाती हैं। जस्टिस ललित के दो बेटे हैं श्रीयस और हर्षद। श्रीयस पेशे से वकील हैं, उन्होंने IIT गुवाहाटी से मैकेनिकल इंजीनियर की डिग्री ली थी। श्रीयस की पत्नी रवीना भी वकील हैं। हर्षद वकालत में नहीं हैं और वो अपनी पत्नी राधिका के साथ अमेरिका में रहते हैं। हर्षद फिलहाल अपनी पत्नी के साथ अमेरिका से दिल्ली आए हैं।
दो कमरों के फ्लैट में रहे
जब CJI ललित दिल्ली आए तो मयूर विहार के दो कमरों के फ्लैट में रहते थे, लेकिन इसके बाद वो देश के टॉप क्रिमिनल वकीलों में शुमार हो गए। वे हाई प्रोफाइल मामलों में पेश हुए। यहां तक कि 2G घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया। 2014 में वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट जज बनाया गया। वो अभी तक के इतिहास में दूसरे ऐसे CJI हैं, जो सीधे वकील से सुप्रीम कोर्ट जज बने।
कड़ी मेहनत और आपराधिक मामलों में पकड़ ने उनको अब देश की न्यायपालिका का मुखिया बना दिया। CJI के रूप में चीफ जस्टिस ललित उस कॉलेजियम का नेतृत्व करेंगे, जिसमें जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस कौल, जस्टिस नजीर और जस्टिस इंदिरा बनर्जी शामिल होंगे।