NEW DELHI. दिल्ली-एनसीआर में पॉल्यूशन ने हालत खराब कर दी है। लोगों को स्मॉग के कारण आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत हो रही है। दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 600 का खतरनाक लेवल पार कर चुका है। वहीं दिल्ली के जहांगीरपुरी में AQI लेवल 700 के पार पहुंच गया है। इसे देखते हुए दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के स्कूलों को फिलहाल 8 नवंबर तक बंद कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 4 नवंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह निर्णय लिया।
प्रदूषण पर पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता। https://t.co/0bLYYvVBul
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 4, 2022
अब ऑड-ईवन की बारी
संभावना जताई जा रही है कि प्रदूषण नहीं थमा तो दिल्ली में अगले 24 घंटे में ऑड-ईवन भी लागू हो सकता है। वैसे, दिल्लीवालों के लिए ऑड-ईवन कोई नई बात नहीं है। वे पिछले कुछ साल से ठंड के मौसम में कुछ समय के लिए इसका पालन करते आ रहे हैं। केजरीवाल सरकार अगर ऑड-ईवन लागू करने का फैसला करती है तो यह शुरुआत में एक हफ्ते या 15 दिन के लिए हो सकता है। आपके मन में कुछ सवाल भी होंगे, आइए पिछले वर्षों में लागू ऑड-ईवन के नियमों के अनुसार उनके जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं।
पराली जलाने की घटनाओं की खुद ली जिम्मेदारी
सीएम केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में पराली जलाई जा रहा है। इस पराली जलाए जाने के लिए किसान नहीं बल्कि हम जिम्मेदार हैं। हम कोई ब्लेम गेम नहीं खेलना चाहते। पराली के लिए हमें किसान को कोई समाधान देना होगा। फिलहाल किसान के पास उसे जलाने के सिवा कोई रास्ता नहीं होता। केजरीवाल ने कहा कि पराली जलाने में 22 प्रतिशत की बढोतरी हुई है, जो कि खतरनाक है। हम अदालत से इसपर आज या कल सुनवाई की गुहार लगाते हैं।