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DELHI. 2019 में कर्नाटक की रैली में 'सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है' बोलने पर सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि का दोषी पाया है और 2 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट से सजा मिलने के बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी है। राहुल गांधी की समस्या यहीं खत्म होती नहीं दिख रही है, राहुल पर मानहानि से जुड़े करीब 6 मामले अभी भी चल रहे हैं। अधिकांश केसों की सुनवाई गुजरात की अदालतों में चल रही है।
4 साल बाद सूरत की कोर्ट ने राहुल को दोषी करार दिया
गुरुवार को चार साल बाद सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की कोर्ट ने राहुल गांधी को IPC की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया था। लोकसभा सचिवालय की फैसले का आलोचना हो रही है, जिस पर सरकार ने सफाई दी है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि सिर्फ औपचारिकता बाकी थी। जोशी ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद उनकी संसदीय सदस्यता खुद व खुद खत्म हो गई थी। सरकार का इस मामले में कोई लेना-देना नहीं है। किसी को कानून से छूट नहीं मिलनी चाहिए।
राहुल पर मानहानि से जुड़े करीब 6 मामले अभी भी चल रहे हैं। अधिकांश केसों की सुनवाई गुजरात की अदालतों में चल रही है। आइए विस्तार से जानते हैं सभी केसों की डिटेल जानकारी...
1. गांधी की हत्या में संघ का हाथ
- राहुल गांधी ने क्या और कब बोला
6 मार्च, 2014 को महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी की हत्या के पीछे आरएसएस का हाथ बताया था। कांग्रेस नेता ने पीटीआई-भाषा से कहा था कि आरएसएस के लोगों ने गांधी जी को मारा था, और वो आज गांधीजी की बात करते हैं।
- किसने और कहां लगाया केस
इस मामले में आरएसएस की भिवंडी इकाई के आरएसएस सचिव राजेश कुंटे ने राहुल गांधी पर 2018 में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। राजेश कुंटे का ये कहना है कि राहुल ने संघ की प्रतिष्ठा और मान-सम्मान पर सवाल उठाया है। मामले की सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है।
2. असम मठ पर टिप्पणी
- राहुल गांधी ने क्या और कब बोला
दिसंबर 2015 में राहुल गांधी ने कहा था मुझे असम के बारपेटा में मंदिर जाने से रोका गया। RSS के लोगों ने मुझे अंदर जाने से रोका। यह सब पीएम की सोच है जो असम, पंजाब और केरल के लोगों को मंजूर नहीं है। 'हालांकि मंदिर के पुजारी का कहना है कि वो लोग राहुल गांधी का इंतजार करते रहे लेकिन वो नहीं आए।
- किसने और कहां लगाया केस
राहुल के खिलाफ असम में आरएसएस के एक स्वयंसेवक ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था। आरएसएस के इस स्वयंसेवक ने असम की लोकल अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। राहुल गांधी के वकील अंशुमन बोरा के मुताबिक यह मामला अभी भी लोकल कोर्ट में चल रहा है। वकील के मुताबिक ये मामला सुनवाई को अंतिम चरण में हैं।
3. नोटबंदी को लेकर अमित शाह पर टिप्पणी
- राहुल गांधी ने क्या और कब बोला
23 जून, 2018 में राहुल ने अपने ट्वीट में ये कहा था कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के निदेशक अमित शाह जी को बधाई। पुराने नोटों को नई दौड़ में बदलने में आपके बैंक को प्रथम पुरस्कार मिला 750 करोड़ रुपए। पांच दिनों में करोड़! लाखों भारतीय जिनके जीवन को आपने नष्ट कर दिया, नोटबंदी आपकी इस उपलब्धि को सलाम करती है।
Congratulations Amit Shah ji , Director, Ahmedabad Dist. Cooperative Bank, on your bank winning 1st prize in the conversion of old notes to new race. 750 Cr in 5 days!
Millions of Indians whose lives were destroyed by Demonetisation, salute your achievement. #ShahZyadaKhaGayapic.twitter.com/rf1QaGmzxV
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 22, 2018
- किसने और कहां लगाया केस
राहुल के ट्वीट के करीब 10 महीने बाद बैंक और उसके चेयरमैन ने राहुल गांधी पर क्रिमिनल डेफेमेशन केस दायर कर दिया। इस ट्वीट के आधार पर राहुल के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया था। इस केस में राहुल गांधी को जुलाई 2019 में जमानत मिल गई थी। केस अभी भी चल रहा है। मामले पर राहुल के वकील अजीत जडेजा ने कहा है कि मामले पर अभी पूछताछ जारी है।
4. राफेल पर टिप्पणी
- राहुल गांधी ने क्या और कब बोला
नवंबर 2018 में, राहुल गांधी का एक बयान वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने कहा था- कमांडर-इन-थीफ। राहुल ने ये बयान 2018 में राजस्थान में एक रैली के दौरान दिया था। मामला राफेल से जुड़ा था और निशाने पर थे पीएम मोदी।
- किसने और कहां लगाया केस
महाराष्ट्र बीजेपी नेता महेश श्री श्रीमल ने 'कमांडर-इन-चोर' वाले बयान को लेकर राहुल पर मानहानि का मुकदमा दायर किया था। कुछ दिनों की सुनवाई के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। महेश श्री श्रीमल का ये कहना है कि राहुल गांधी ने बॉम्बे हाईकोर्ट से संपर्क किया था और शिकायत को रद्द करने की मांग भी की थी। बता दें कि इस मामले की सुनवाई भी अभी शुरू नहीं हुई है।
5. संघ करवा देती है विरोधियों की हत्या
- राहुल गांधी ने क्या और कब बोला
फरवरी 2019 में पत्रकार गौरी की हत्या के 24 घंटे बाद राहुल ने ये बयान दिया था कि कोई आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ बोलता है, तो उसे चुप कराने की कोशिश की जाती है। उस पर दवाब डाला जाता है। उसे पीटा जाता है। उस पर हमले कराए जाते हैं। यहां तक की उसे जान से भी मार दिया जाता है।
- किसने और कहां लगाया केस
इस मामले में ये मुकदमा महाराष्ट्र के आरएसएस कार्यकर्ता और वकील धृतिमान जोशी ने दायर किया था। ये मुकदमा राहुल और सीपीआई (एम) जनरल सीताराम येचुरी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। सीताराम येचुरी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि लंकेश दक्षिणपंथी राजनीति की तीखी आलोचना के लिए जानी जाती थी। लंकेश की हत्या के पीछे आरएसएस की विचारधारा और आरएसएस के लोग हैं। उसी साल नवंबर में, मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पी आई ने राहुल और येचुरी की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने केस खारिज करने की मांग की थी। इस मामले की सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है।
6. भाजपा नेता अमित शाह पर टिप्पणी
- राहुल गांधी ने क्या और कब बोला
2019 में लोकसभा चुनाव प्रचार भाषण के दौरान राहुल गांधी ने कथित रूप से अमित शाह को "हत्या का आरोपी" बताया था। 2015 में सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में राहुल गांधी ने जबलपुर में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह को "हत्या का आरोपी" बताया था।
- किसने और कहां लगाया केस
अहमदाबाद से भाजपा के एक निगम पार्षद कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट ने राहुल के खिलाफ मई 2019 में अहमदाबाद की एक अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। ब्रह्मभट्ट का ये कहना था कि 2015 में सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में शाह को बाइज्जत बरी कर दिया गया है। कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट ने याचिका में ये कहा कि अब राहुल पर लगे मानहानि के केस की सुनवाई एक मजिस्ट्रेट अदालत में होने वाली है।
राहुल की सदस्यता रद्द पर खरगे क्या बोले?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल गांधी को सच बोलने की सजा मिली है। राहुल को संसद से बाहर भेजने से उनको (बीजेपी) लगता है कि उनकी समस्या कम हो जाएगी तो ऐसा नहीं है। हम लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे। उनको सच बोलने वालों को सदन में नहीं रखना है, इसलिए सदन के बाहर भेज रहे हैं। खरगे ने आगे कहा कि हम सदन के अंदर भी बोलेंगे और बाहर भी बोलेंगे। हम जेल जाने को भी तैयार हैं। शाम पांच बजे कांग्रेस की बैठक बुलाई है, इसमें आगे की रणनीति तय करेंगे। बता दें कि राहुल गांधी को कम से कम छह पिछले भाषणों और टिप्पणियों को लेकर मानहानि का सामना करना पड़ रहा है। निचली अदालत में राहुल पर ये इल्जाम लगाया गया है कि उन्होंने अपने भाषणों में बीजेपी और संघ परिवार को सीधे तौर पर निशाना बनाया है। इस आर्टिकल में राहुल पर लगे मानहानि के केस की पूरी डिटेल समझने की कोशिश करते हैं।
अब जानिए जिसमें सजा हुई है, वो पूरा मामला क्या है?
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी वायनाड से सांसद है। राहुल ने ये बयान कथित तौर पर 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान कर्नाटक के कोलार में दिया था। उन्होंने कथित तौर पर ये कहा था कि सभी चोरों का उपनाम (सरनेम) मोदी क्यों है?
राहुल ने चोर शब्द का कैसे और कहां उपयोग किया
राहुल ने रैली में राफेल विवाद के सौदे का जिक्र करते हुए कहा था कि आपने 30,000 करोड़ रुपए चोरी करके अपने दोस्त अनिल अंबानी को दे दिए। जाहिर है आपने पैसे चुराए हैं। चौकीदार चोर है। राहुल गांधी ने आगे कहा था कि नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, ललित मोदी, माल्या, अनिल अंबानी और नरेंद्र मोदी- चोरों का एक समूह है।" इसके बाद राहुल ने तंजिया लहजे में ये कहा था कि मेरा एक सवाल है। ये सारे चोरों के नामों में मोदी क्यों होता है, नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी? हमें ये जानकारी नहीं है कि ऐसे और कितने मोदी आएंगे?"