उज्जैन. 28 जून के बाद से महाकाल के दर्शन आम भक्तों के लिए खोल दिए गए। 3 महीने और 17 दिनों के दौरान लाखों भक्तों ने बाबा के दर्शन किए। इस दौरान महाकाल मंदिर को 23 करोड़ का दान मिला, इनमे विदेशी करेंसी भी शामिल है। 110 दिनों बाद मंदिर खुलने की वजह से भक्तों ने जमकर दान किया।
मंदिर को अलग- अलग तरीके 23 करोड़ मिले
ये दान- दान अलग- अलग स्त्रोतों (Source) से मिलता है। 28 जून से 15 अक्टूबर तक 23 करोड़ की रुपए आए है। यह आय लड्डू प्रसाद, शीघ्र दर्शन टिकट (ticket), मंदिर परिसर में रखी भेंट, अभिषेक. भस्म आरती की बुकिंग से मिली है। यह कुल राशि 23 करोड़ 3 लाख 54 हजार 538 रुपए है।
ऑनलाइन परमिशन दी गई
महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति को विभिन्न दान पेटियों से 5 करोड़ 66 लाख 12 हजार 384 रुपए मिले। शीघ्र दर्शन की व्यवस्था से प्रबंधन ने 7 करोड़ 53 लाख 25 हजार 250 रुपए कमाए। भस्म आरती में एक दिन में 1000 हजार श्रद्धालुओं को अनुमिति मिल रही है जिसमे ऑनलाइन परमिशन वाले श्रद्धालु को 100 रुपए और ऑफ लाइन परमिशन वाले श्रद्धालु को 200 रुपए शुल्क दान के रूप में लग रहा है। मंदिर में दिनभर सामान्य दर्शन तो निशुल्क है लेकिन प्रोटोकॉल से दर्शन के लिए 100 रुपए प्रति दर्शनार्थी शुल्क दान के रूप में लिया जा रहा है।