प्रथा या अंधविश्वास?: मंदसौर के गांव में दुर्गा नवमीं के दिन मन्नत पूरी होने पर अंगारों पर चलते हैं

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प्रथा या अंधविश्वास?: मंदसौर के गांव में दुर्गा नवमीं के दिन मन्नत पूरी होने पर अंगारों पर चलते हैं

मंदसौर. यहां के भगोर गांव में मन्नत पूरी होने पर लोग अंगारों पर चलते है। गांव में इसे चुल प्रथा के नाम से जाना जाता है। प्रथा को लेकर लोगों का कहना है कि कई सौ साल से ये प्रथा चली आ रही है। इसका आयोजन नवरात्रि के नवमी के दिन होता है।

क्यों मानते है

नवरात्रि के पहले दिन यानी कलश स्थापन से लेकर विसर्जन तक अलग- अलग कार्यक्रम होते है। अंतिम दिन यानी विसर्जन के दिन लोग शाम को चुल का आयोजन करते है। चुल में वो लोग चलते है जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है।

कैसे होता है चुल का आयोजन

चुल के आयोजन के लिए ग्रामीण करीब डेढ़ फीट गहरा गड्ढा खोदते हैं। इसमें सूखी लकड़ियां डालकर आग लगाते है। दहकते अंगारों पर नंगे पांव चला जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि आज तक अंगारों पर चलने की वजह से कोई हादसा नहीं हुआ है।

मंदसौर TheSootr On the day of Dussehra in the village of Bhagor they walk on the fulfillment of their vows.मध्यप्रदेश भंगोर दशहारे नवमी