GWALIOR. एक तरफ आवारा पशुओं जिनमे ज्यादातर गाय और बछड़े होते है ,के कारण किसान परेशान हैं , क्योंकि वे उनकी फसलें बर्वाद कर देते हैं वहीं गायों को रखने के लिए गाँव - गाँव में बनाई जाने वाली गौशालाओं में रहने वाली गायों के लिए सरकार हजारों रुपये का चारा और दाना भेजती है लेकिन यह दाना और चारा उनके पेट तक पहुंच ही नहीं रहा बल्कि उसे बाजार में बेचा जा रहा है । इसका खुलासा करने के लिए लोगों ने इस गोरखधंधे का स्टिंग ऑपरेशन कर वीडियो बायरल किया तो प्रशासन ने जांच शुरू की।
देश व प्रदेश में भाजपा की सरकार है प्रदेश की सरकार जहां गोवंश को लेकर उनकी सुरक्षा तथा दाना पानी के लिए भी व्यवस्था कर रही है । इनके लिए पूरे प्रदेश में गौशालाओं का निर्माण कर गायों की देखरेख के लिए इन्हे संचालित करने वाली संस्थाओं को करोड़ों का अनुदान दिया जा रहा है तो वही शहरी क्षेत्रों में भी गौ सेवा के लिए लाखों रु का बजट नगर पालिका द्वारा या उन के माध्यम से सरकार खर्च कर रही है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है जहां गाय शहरी क्षेत्रों में हाईवे किनारे दम तोड़ती भूखी प्यासी दिखाई देती हैं तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी उनकी दुर्दशा दयनीय बनी हुई है गायों को लेकर कई मर्तबा हिंदू संगठन भी आगे आए लेकिन अभी भी गोवंश की हालत बद से बदतर बनी हुई है। इसकी वजह भ्रष्टाचार है। इसका खुलासा एक वायरल वीडियो से हो रहा है।
ये है मामला
डबरा क्षेत्र में स्थित जनकपुर गौशाला का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे गौ वंश के लिए आया दाना को गौशाला के सेवक के द्वारा किसी एक निजी व्यक्ति को बेचने की बातचीत और दृश्य कैद किये गए हैं । इसके बाद जब कुछ मीडिया के लोग वहां पहुंचे तो वहां पर सिर्फ 15--20 गाय ही मौके पर मिली। भंडार घर में सिर्फ भूसे के अलावा हमें कुछ और नजर नहीं आया।
दाना लेते हैं 80 का मौके पर मिलीं सिर्फ 20
जब संस्था प्रमुख से पूछा गया कि यहां गाय तो सिर्फ 15-20 हैं बाकी कहां है तो उन्होंने जवाब दिया कि लगभग 70से80 गाय हमारी गौ शाला में हैं। जिसमें से 50 गाय को चराने के लिए भेज दिया है जब उनसे पूछा गया कि हमे बताए गायों को आपने किस स्थान पर चरने के लिए भेजा है। इस पर से उनका जवाब स्पष्ट रूप से नहीं दे पाए। उन्होंने बताया कि हमारे पास सिर्फ दो स्टाफ है वही गायों की देखरेख करते हैं और पर्याप्त मात्रा में भूसा और पीना भी है, वही उन पर स्थानीय लोगों के द्वारा आरोप लगाया गया की व्यवस्थापक के द्वारा चुनी, पीना बेची जा रही है। जब इस पर जिम्मेदार अधिकारी एसडीएम डबरा प्रदीप कुमार शर्मा ने बात की तो उनका कहना था कि मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। हालांकि बाद में उन्होंने कहाकि बात संज्ञान में आई है तो जांच करा लेंगे।