भिंड. ग्वालियर-चंबल (Gwalior-Chambal) अंचल के भिंड, मुरैना (Morena) में मिलावट माफिया सक्रिय है। 22 अक्टूबर को पुलिस ने 660 किलो मावा जब्त किया गया था। वहीं अब भिंड में 10 टन का मिलावटी मावा बरामद किया गया है। दिवाली (Diwali) को देखते हुए बड़ी मात्रा में मिलावटी मावा मार्केट (Market) में लाने की तैयारी थी। भिंड में तैयार किए जाने वाला मावा (Dry fruit) महाराष्ट्र,नागपुर, पुणे से लेकर मुंबई तक में बेचने की है। वहीं उत्तर भारत में दिल्ली, आगरा, मथुरा में बेचने की कोशिश है।
कैमिकल डालकर बनाते थे मावा
गांव-गांव (village) में दीपावली सीजन (diwali season) पर मिलावट खोर दूधियाओं से दूध ले रहे है फिर दूध से क्रीम (cream) अर्थात वसा को निकालते है। इसके बाद मावा तैयार करते है। मावा में चिकनई यानी वसा की भरपूर मात्रा बनाए रखने के लिए वानस्पतिक घी, रिफाइंड, स्टार्च, आलू समेत अन्य केमिकल को मिलाते है। मावा से वसा निकाले जाने के बाद गुणवत्ता में गिरावट आती है। परंतु, ग्राहक के बीच साख बनाए जाने के लिए मिलावट खोरी की जा रही है। इस तरह से सीधे तौर पर ग्राहकों (customer) से धोखा हो रहा हैं। केमिकलों के उपयोग से सीधे तौर पर स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
छोटे गांव में तैयार करते थे मावा
काला कारोबार भिंड जिले के गोरमी, बरोही, पावई, फूप, अटेर, सुरपुरा, लहार, दबोह, मिहोना, आलमपुर थाना क्षेत्र के छोटे-बड़े गांव में तैयार किया जाता है। करीब चालीस से पचास गांव में मावा के कारोबारी है। इस कारोबार में करीब 15 सौ से अधिक लोग जुड़े हुए है।