संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर विधानसभा चार के कांग्रेस प्रत्याशी राजा मांधवानी को आखिरकार नागरिकता मामले में चल रही चुनावी आपत्तियों को लेकर राहत मिल गई है। रिटर्निंग अधिकारी इंदौर विधानसभा चार के सामने मांधवानी के अधिवक्ताओं द्वारा तर्क रखे गए, विरोधी पक्ष द्वारा भी आपत्ति रखी गई। सभी पक्षों को सुनने के बाद रिटर्निंग अधिकारी अजीत श्रीवास्तव ने आपत्तियों को खारिज कर मांधवानी के नामांकान फार्म को मंजूर कर लिया।
अधिवक्ता ने यह रखे तर्क
अधिवक्ता अमित उपाध्याय ने बातया कि आपत्तिकर्ता ने दो बातें प्रमुख रूप से कही थी इन्होंने पाकिस्तान की नागरिकता नहीं त्यागी थी और इनके और पिता के नाम में अलग-अगल दस्तावेज मे भिन्नता है। हमने इस बारे में दस्तावेज के साथ बात रखी कि उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त है और वह इस काररण से चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं जो वोटर लिस्ट है व कानूनी दस्तावेज है इसमें उनके और पिता के नाम को लेकर कोई भी गलत नहीं हो मतदाता सूची में नाम है वही फार्म में भी है। वैसे भी नागरिकता का फैसला रिटर्निंग अधिकारी के अधिकार क्षेत्र के बाहर का मुद्दा है। इन सभी तर्कों को सुनने के बाद रिटर्निंग अधिकारी ने आपत्तियों को खारिज कर दिया।
इन्होंने लगाई थी हाईकोर्ट में भी याचिका
याचिकाकर्ता राम कुमार यादव ने हाईकोर्ट में उनकी नागरिकता को लेकर सवाल उठाते हुए चुनाव लड़ने के अयोग्य होने की बात उठाई थी। इसमें कहा था कि पन्नालाल उर्फ राजा मांधवानी भारत के नागरिक नहीं है, उन्होंने अभी तक पाकिस्तानी नागरिता का त्याग नहीं किया है। इस तरह वह चुनाव लड़ने के आयोग्य है। इस मामले में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय, मप्र गृह विभाग, रिटर्निंग अधिकारी, राजा मांधवानी को पार्टी बनाया था।
हाईकोर्ट में इस आधार पर हुआ निराकृत
हाईकोर्ट में रिटर्निंग अधिकारी ने बताया कि नामांकन फार्म किसी को भी दिए जा सकते हैं औऱ् कोई भी व्यक्ति ले सकता है। इन फार्म की जांच स्क्रूटनी कमेटी द्वारा की जाती है जो 31 अक्टूर को बैठेगी और सभी फार्मों की जांच करेगी। इन फार्मों को लेकर भी आपत्ति आती है उसका कमेटी निरीक्षण करती है। कोई भी आपत्तियां वहां आ सकती है। रिटर्निंग अधिकारी के इस जवाब के बाद हाईकोर्ट ने याचिका निराकृत कर दिया। यानि की अब याचिकाकर्ता चाहे तो रिटर्निंग अधिकारी के पास नामांकन फार्म को लेकर आपत्ति लगा सकता है।
मांधवानी 1997 में आए थे भारत
जानकारी के अनुसार मांधवानी 1963 में पाकिस्तान में जन्मे थे, फिर वह 1997 में भारत आए थे और साल 2009 में भारत की नागरिकता ली थी। कांग्रेस के टिकट पर वह पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। उनके चुनाव मैदान में उतरते ही पाकिस्तान नागरिकता का मामला चुनाव में तूल पकड़ रहा है।
कांग्रेस की विजयवर्गीय पर ली आपत्ति खारिज
इंदौर-1 से बीजेपी प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय के नामांकन पर कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला के प्रस्तावक दीपू यादव, वकील रविंद्र सिंह छाबड़ा और सौरभ मिश्रा ने आपत्ति दर्ज करवाई हैं। आपत्ति है कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) अदालत ने विजयवर्गीय को 'फरार' घोषित किया था और उनके खिलाफ 2019 में स्थायी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। इन्होंने नामांकन फार्म में जानकारियों छिपाने को लेकर आपत्ति ली है। लेकिन सभी पक्षों को सुनने के बाद रिटर्निंग अधिकारी ने कांग्रेस की आपत्ति खारिज करते हुए विजयवर्गीय का फार्म मंजूर कर लिया है।
सपा प्रत्याशी का फार्म रिजेक्ट
- इंदौर में मंगलवार को विधानसभा चुनावों के लिए जमा कराए गए नामांकन फॉर्म की जांच के दौरान पीठासीन अधिकारी ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रजनीश जैन का नामांकन खारिज कर दिया। इसके बाद जैन और उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा मचाया। जैन का कहना है कि फॉर्म जमा करने के समय सिर्फ एक प्रस्तावक के साइन के लिए कहा गया था। आज कहा जा रहा है कि 10 प्रस्तावक के साइन चाहिए थे, इसलिए नामांकन रिजेक्ट किया गया है।
- विधानसभा-2 में 3 प्रत्याशियों ने डबल फॉर्म भरे थे, इसलिए तीनों खारिज किए गए। विधानसभा तीन से एक भी फॉर्म निरस्त नहीं हुआ है।
- विधानसभा राऊ से बलराम वर्मा का फॉर्म निरस्त हो गया है। वैसे भी यहां से बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी मधु वर्मा है
- इधर, विधानसभा-1 की निर्दलीय प्रत्याशी अंजली पति संजय शुक्ला का भी फॉर्म निरस्त कर दिया गया है।