अरुण तिवारी, BHOPAL. बीजेपी ने प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 228 पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। बची हुई दो सीटों पर इतना गहरा पेंच फंस गया है कि संगठन उसको अब तक नहीं निकाल पाया है। 30 अक्टूबर नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है, लेकिन पार्टी गुना और विदिशा पर अपने उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है। माना जा रहा है कि इन सीटों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पेंच फंसा रखा है। विदिशा के लिए सीएम तो गुना के लिए सिंधिया अड़े हुए हैं।
क्या होगी विदिशा की दिशा
विदिशा विधानसभा सीट बीजेपी के लिए खास सीटों में शुमार है। इस सीट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 2013 के चुनाव में उम्मीदवार रह चुके हैं। विदिशा बीजेपी का अभेद गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन 46 साल बाद 2018 के चुनाव में इस किले में कांग्रेस ने कील ठोंक दी। यहां से कांग्रेस के शशांक भार्गव विधायक बने। बीजेपी इस बार कांग्रेस से ये सीट छीनकर फिर अपना कब्जा जमाना चाहती है, लेकिन अब तक पार्टी विदिशा से अपना उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है।
ज्योति शाह की भी मजबूत दावेदारी है
सूत्रों की मानें तो सरकार और संगठन के बीच ये पेंच फंसा है। सरकार यानी शिवराज सिंह चौहान यहां से अपने खास मुकेश टंडन को टिकट देना चाहते हैं, जबकि टंडन 2018 का चुनाव हार चुके हैं। वहीं संगठन श्याम सुंदर शर्मा को उम्मीदवारी देना चाहती है। इन दोनों के बीच पूर्व मंत्री राघवजी की बेटी ज्योति शाह की भी मजबूत दावेदारी है। चुनाव घोषणा के पहले शिवराज ने विदिशा में राघवजी से मुलाकात भी की थी। तब से ही ज्योति शाह की दावेदारी और मजबूत हो गई। चूंकि विदिशा सीएम का गृह क्षेत्र माना जाता है इसलिए यह कहा जा रहा है कि यहां से चलेगी शिवराज सिंह चौहान की ही। यही कारण है कि यहां से उम्मीदवार घोषित नहीं हो पा रहा है। शिवराज सिंह यहां से 5 बार सांसद और एक बार विधायक चुने गए हैं।
आखिर गुना का क्या गुनाह
दूसरी सीट गुना विधानसभा क्षेत्र है जहां पर बीजेपी अपना उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है। गुना संघ के प्रभाव वाली सीट मानी जाती है। यहां पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पेंच फंसा दिया है। यहां पर सिंधिया समर्थक और बीजेपी समर्थक दोनों तरह के कार्यकर्ता अपनी दावेदारी कर रहे हैं। यहां के सिटिंग एमएलए गोपीलाल जाटव को सिंधिया उम्मीदवारी देना नहीं चाहते। यहां पर पन्नालाल शाक्य की उम्मीदवारी की भी चर्चा है। यहां पर गोपीलाल जाटव, पूर्व विधायक पन्नालाल शाक्य, सिंधिया समर्थक नीरज निगम, सांसद प्रतिनिधि रमेश मालवीय समेत आठ नेताओं ने पर्चा दाखिल कर दिया है। अब गेंद बीजेपी के पाले में हैं कि बीफॉम किसे दिया जाए।