संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में प्रमोद टंडन के साथ बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से 18 सितंबर को इस्तीफा देने वाले दिनेश मल्हार ने भी शुक्रवार, 22 सितंबर को आखिरकार कांग्रेस का दामन थामने की घोषणा कर दी है। प्रेस कांफ्रेंस करते हुए उन्होंने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि वह 23 सितंबर को कमलनाथ जी के इंदौर आगमन पर कांग्रेस की सदस्यता लेंगे और राउ में कांग्रेस के लिए काम करेंगे। साथ ही पार्टी पर उन्होंने कई आरोप लगाए।
मल्हार बोले पार्टी में एक नेता नहीं पूरी पार्टी का ही दोष
मल्हार ने द सूत्र से चर्चा में कहा कि मैंने 18 सितंबर को इस्तीफा दिया और फिर इंतजार किया था कि कोई फोन करेगा, बात करेगा लेकिन किसी वरिष्ठ नेता का फोन नहीं आया। इसलिए मैंने फैसला लिया कि कांग्रेस जॉइन करूंगा। कमलनाथ जी और जीतू पटवारी के चलते मैं कांग्रेस में आ रहा हूं। पार्टी छोड़ने के कई कारण हैं। मैं 35 साल से बीजेपी का काम कर रहा हूं, कार्यकर्ता बनकर। हर बार टिकट मांगता हूं और हर बार किसी और को देते हैं, आश्वासन दिया जाता है कि आपको कहीं और एडजस्ट कर लिया जाएगा, लेकिन बीजेपी फिर सत्ता में आती है और हमें फिर भुला दिया जाता है। हर बार यही होता है तो कब तक सहन करेंगे। एक सीमा होती है। मैं किसी एक नेता को नहीं बल्कि पूरी बीजेपी को ही अपना पार्टी छोड़ने का दोष मढ़ता हूं।
अब वह बीजेपी नहीं रही
मल्हार ने कहा कि मुझ पर आरोप लगे कि मैं पटवारी के लिए काम करता हूं, जबकि ईमानदारी से बीजेपी के लिए काम किया, तो फिर अब पटवारी के लिए ही काम करूंगा। पहले नेता पार्टी छोड़ते थे अब पार्टी और सीएम चौहान को सोचना चाहिए कि कार्यकर्ता भी साथ छोड़ रहे हैं, अभी तो पतझड़ शुरू हुआ है। अब यह कुशाभाऊ ठाकरे, सुंदरलाल पटवा, निर्भय सिंह पटेल, भेरूलाल पाटीदार, राजेंद्र धारकर, वल्लभ शर्मा, विष्णु शुक्ला वाली बीजेपी नहीं रही। यह अब परिक्रमा करने वालों की हो गई।
कौन है मल्हार
मल्हार एबीवीवी के समय से बीजेपी जुड़े रहते हैं, वह बालसंघ में भी रहे हैं। राउ में धाकड़ समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस समाज के विविध पदों में भी रहे हैं। उनके जाने से राउ में बीजेपी प्रत्याशी मधु वर्मा को झटका लगेगा, क्योंकि धाकड़ समाज बीजेपी को झटका दे सकता है और खाती समाज से वैसे ही कोई उम्मीदवार नहीं उतारा गया है, जबकि वहां 50 हजार से ज्यादा मतदाता इसी समाज से आते हैं।
रामकिशोर शुक्ला के भी जाने की आहट
महू से बीजेपी नेता रामकिशोर शुक्ला के भी 23 सितंबर को कांग्रेस में जाने की तैयारी है। उनके अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में जाने की तैयारी है। शुक्ला पहले कांग्रेस में रह चुके हैं, बाद में वह बीजेपी में गए थे। महू चुनाव में इस बार वैसे ही काफी खींचतान दिख रही है। क्योंकि जयस और भीम आर्मी भी अपना प्रत्याशी उतार रही है और यहां 35 से 40 फीसदी मतदाता आदिवासी है। वहीं कहा जा रहा है कि यहां की विधायक ऊषा ठाकुर खुद भी विधानसभा एक या तीन से वापस टिकट चाहती हैं, तो बीजेपी को नया प्रत्याशी ढूंढना होगा, वहीं कांग्रेस भी तीन बार से चुनाव हार रहे अंतरसिंह दरबार की जगह किसी और को ढूंढ रही है।