BHOPAL. देशभर में सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए लामबंद हैं, वहीं अब हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के एक आदेश के कर्मचारियों को निर्देश मिले कि रजिस्ट्री के ऐसे सभी कर्मचारी जो 1 जनवरी 2005 या उसके बाद सेवा में आए हैं और न्यू पेंशन स्कीम के दायरे में आते हैं, वे अपनी तनख्वाह से होने वाली कटौती के लिए नई पासबुक एकाउंट सेक्शन में जमा कराएं ताकि उसमें वेतन से होने वाली कटौती का पूरा हिसाब रखा जा सके।
सरकार ने शुरु की कवायद
इस आदेश के बाद सरकार ने भी अपने 5 लाख कर्मचारियों की पृथक से पासबुक मेंटेन करने की कवायद शुरु कर दी है। बता दें कि न्यू पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी की तनख्वाह से हर माह 10 फीसदी राशि काटी जाती है और इसमें 14 फीसदी राशि राज्य सरकार मिलाती है। इस तरह से हर माह 5 लाख कर्मचारियों की सैलरी से होने वाली यह कटौती एनपीएस ट्रस्ट करता है और ट्रस्टी बैंकों में जमा कराता है।
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सेंट्रल रिकार्ड कीपिंग एजेंसी रखती है हिसाब
एनपीएस के तहत बैंकों में जमा होने वाली इस रकम का हिसाब सेंट्रल कीपिंग एजेंसी के जिम्मे होता है। इसमें भी दो अलग विभाजन हैं, कर्मचारियों की पेंशन का हिसाब नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड रखती है और अध्यापक संवर्ग के पेंशन का हिसाब फिनटेक के पास रहता है। इन एजेंसियों के मार्फत कर्मचारी अपनी कटौती का हिसाब देख सकते हैं। अब जीपीएफ की तरह ही कर्मचारियों की पेंशन पात्रता वाली पासबुक भी मेंटेन होगी जिसमें हर माह सैलरी से हुए डिडक्शन की एंट्री रहेगी।
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यह इसलिए जरूरी
दरअसल कटौती में किसी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर कर्मचारी उसमें सुधार करा सकेंगे। जमा राशि में से पार्ट फाइनल के तहत जो राशि निकाली जाएगी और जो बाकी बचेगी वह स्पष्ट रहेगी। वहीं एन्युटी में जमा राशि के अनुसार पेंशन का निर्धारण होगा।