संजय गुप्ता, INDORE. सायबर क्राइम के नए तरीके डीपफेक को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक चिंता जता चुके हैं और इस मामले में विधानसभा चुनाव के दौरान इंदौर में कई तरह के फेक वीडियो इसी तकनीक से बने हुए सामने आए। इस मामले में इंदौर क्राइम ब्रांच ने चार अलग-अलग शिकायतों में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसमें पीएम मोदी से लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय तक शिकार हुए हैं।
कमलनाथ के वीडियो में कहा सरकार बनी तो लाड़ली बहना बंद करेंगे
पूर्व सीएम कमलनाथ का एक रैली का वीडियो डीपफेक तकनीक से बना चुनाव में वायरल हुआ था। इसमें कमलनाथ कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हम लाड़ली बहना योजना को बंद करेंगे। जिन्हें पैसे दे चुके हैं उनके नाम काट देंगे और नए नाम जोड़ेंगे। इस मामले में प्रदेश कांग्रेस सचिव राकेश यादव की शिकायत पर केस हुआ है।
क्राइम ब्रांच डीसीपी ने यह बताया
क्राइम ब्रांच डीसीपी निमिष अग्रवाल के मुताबिक डीपफेक की सबसे ज्यादा शिकायतें विधानसभा चुनाव के दौरान दर्ज हुईं। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित किया गया, जो लाड़ली लक्ष्मी योजना बंद करने से जुड़ा था। इस फर्जी वीडियो की अपराध शाखा में एफआइआर दर्ज की गई। इसी तरह अन्य हस्तियों के मामले में भी केस दर्ज हुए हैं।
डार्कनेट पर सक्रिय है गिरोह, लेते हैं एक लाख रुपए तक
साइबर एसपी जितेंद्रसिंह के मुताबिक डीपफेक बनाने वाला गिरोह डार्कनेट पर सक्रिय है। डार्कनेट पर अभी तक हथियार, मादक पदार्थ और एटीएम-क्रेडिट कार्ड की जानकारी बिक रही थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में अब डार्कनेट पर भी फर्जी वीडियो बनाए जा रहे हैं। एक मिनट लंबे वीडियो के एवज में एक लाख रुपए तक लिए जा रहे हैं। यह वीडियो मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया जाता है। इस टेक्नोलाजी में कोडर और डिकोडर की मदद ली जाती है। डिकोडर उस व्यक्ति के चहरे और हावभाव को परखता है, जिसका वीडियो बनाना है। इसके बाद फर्जी चेहरे पर इसे लगा दिया जाता है।