BHOPAL. एमपी के विधानसभा चुनाव के लिए बसपा ने सोमवार देर रात पांचवीं सूची जारी की है। इस लिस्ट में पांच उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। बीजेपी-कांग्रेस से टिकट कटने के बाद हुए बागी नेताओं के लिए बसपा और आप नया ठिकाना बन रहे हैं। कांग्रेस और बीजेपी से बगावत कर बहुजन समाज पार्टी को जॉइन करने वाले नेताओं को बसपा तुरंत उम्मीदवार बना रही है।
इन्हें मिला बसपा की पांचवीं सूची में टिकट
रसाल सिंह
1972 में रसाल सिंह पहली बार जनसंघ के टिकट पर भिंड जिले की रौन विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। इसके बाद साल 1977 में भी जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने। 1998 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर इसी सीट से जीत दर्ज कराई और यह सिलसिला 2003 में भी बरकरार रहा। चार बार रौन विधानसभा सीट से विधायक रह चुके रसाल सिंह भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष भी रहे हैं। इसके अलावा वे नगर पालिका भिंड के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। साल 2008 में परिसीमन के बाद रौन विधानसभा को खत्म कर दिया गया और रौन विधानसभा के क्षेत्र को लहार और मेहगांव विधानसभा सीट में मिला दिया गया था।
2018 के चुनाव में ये थी स्थिति
कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. गोविन्द सिंह के खिलाफ बीजेपी से रसाल सिंह और बसपा के टिकट पर अंबरीश शर्मा गुड्डू प्रत्याशी थे। गोविंद सिंह को 62113 वोट, रसाल सिंह को 53040 वोट मिले थे। जबकि 31367 वोट पाकर अंबरीश तीसरे नंबर पर रहे थे। इस बार बीजेपी ने रसाल का टिकट काटकर अंबरीश को उम्मीदवार बनाया है। इससे नाराज होकर रसाल सिंह ने बीजेपी छोड़कर बसपा का दामन थामा है।
यादवेन्द्र सिंह
साल 2013 में सतना जिले की नागौद सीट से कांग्रेस के विधायक रहे यादवेन्द्र सिंह की जगह इस बार कांग्रेस ने डॉ रश्मि सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया है। टिकट कटने से नाराज होकर यादवेन्द्र ने रविवार को ही भोपाल में बसपा के प्रदेश प्रभारी व सांसद रामजी गौतम, प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल के समक्ष बसपा की सदस्यता ले ली। 24 घंटे के भीतर ही उन्हें बसपा ने उम्मीदवार घोषित कर दिया।
रत्नाकर चतुर्वेदी"शिवा"
सतना शहर सीट से बीजेपी से टिकट की दावेदारी करने वाले रत्नाकर चतुर्वेदी (शिवा) ने सांसद गणेश सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद बीजेपी छोड़ दी थी। रत्नाकर ने बसपा ज्वाइन कर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। उन्हें बीएसपी ने सतना से उम्मीदवार बनाया है। वे बीजेपी प्रत्याशी और सतना सांसद गणेश सिंह और कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाह को चुनौती देंगे। वे बीजेपी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य थे।
धनपाल सिंह
बसपा ने अपने पुराने कार्यकर्ता धनपाल सिंह को अशोकनगर से टिकट दिया है।
कमलसिंह राऊत
कांग्रेस छोड़कर बसपा में शामिल हुए ओबीसी नेता कमल सिंह रावत को बसपा ने बालाघाट से टिकट दिया है।