भोपाल में साढ़े पांच साल से चल रही आदमपुर डंपिंग साइट ही अवैध, यहां हर रोज राजधानी से 1 हजार टन कचरा पहुंच रहा

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Jitendra Shrivastava
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भोपाल में साढ़े पांच साल से चल रही आदमपुर डंपिंग साइट ही अवैध, यहां हर रोज राजधानी से 1 हजार टन कचरा पहुंच रहा

BHOPAL. भोपाल शहर से सटे भानपुर से डपिंग साइट को आदमपुर छावनी के पास शिफ्ट हुए करीब साढ़े पांच साल हो गए हैं, लेकिन यह जानकार हैरानी होगी कि आदमपुर की यह डंपिंग साइट ही अवैध है। इस डंपिंग साइट को चलाने से पहले नियमानुसार जो अनुमतियां ली जाना चाहिए थी, यह कभी ली ही नहीं गई। इस डंपिंग साइट पर थोड़ा बहुत नहीं बल्कि, राजधानी से हर रोज करीब 1 हजार टन कचरा पहुंचता हैं। इस अवैध कचरा खंती का सबसे बड़ा खामियाजा वहां के पास में बसे गांव कोलुआ खुर्द और पडरिया काछी को उठाना पड़ रहा है। यहां का जल प्रदूषित हो चुका है और जब-जब भी कचरा खंती में आग लगती है, यहां के ग्रामीण हफ्तों तक जहरीली सांस लेने को मजबूर हो जाते हैं। 



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सलिए अवैध है डंपिंग साइट



डंपिंग साइट या कचरा खंती का असर सीधे तौर पर वहां की आबोहवा और पानी पर पड़ता है। यही कारण है कि इसे शुरू करने से पहले कुछ अनुमतियां लेना जरूरी होती है जो सशर्त मिलती है, पर नगर निगम का कारनामा यह कि वह अनुमति की शर्त पूरी नहीं कर सकती थी, इसलिए उसने इस खंती को बिना परमीशन के ही शुरू कर दिया। नियमानुसार खंती को शुरू करने से पहले स्टेट इंवारमेंट इंपेक्ट असेसमेंट अथॉरिटी यानी सीआ से एनवायरनमेंट क्लीयरेंस यानी ईसी लेना होता है। कुछ शर्तों के साथ जब यह ईसी मिल जाती है तो इसके आधार पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी पीसीबी से डंपिंग साईट संचालित करने के लिए सीटीई और सीटीओ जैसी अनुमतियां ली जाती हैं, लेकिन नगर निगम ने यह अनुमतियां नहीं ली। 



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एनजीटी में याचिकाकर्ता ने भी अवैध डंपिंग साइट की कहा



सामान्य सी बात है कि जब कोई कार्य या निर्माण बिना परमीशन के किए जाता है तो उसे अवैध ही कहा जाता है, लेकिन इस डंपिंग साइट को अवैध कहना का 'द सूत्र' के पास एक और कारण है। 24 फरवरी 2023 को आदमपुर डंपिंग साइट में लगी आग और उससे हुए प्रदूषण को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी में एक याचिका लगाई गई थी। इस याचिका में भी याचिकाकर्ता की ओर से इस कचरा खंती को अवैध और अनाधिकृत ही कहकर संबोधित किया गया है। कारण था इस खंती का बिना अनुमति के चलना।  



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ज्वाइंट कमेटी ने भी कहा- साइट के लिए ली जाए परमीशन



एनजीटी में सुनवाई के दौरान एक ज्वाइंट कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में माना था कि डंपिंग साइट के लिए जरूरी अनुमतियां नहीं ली गई है और इसलिए 16 बिंदु की अपनी अनुशंसाओं में कमेटी ने पहला बिंदु साइट के संचालन के लिए जरूरी पर्यावरणीय अनुमतियां लेने का ही दिया है। इसके अलावा चारों ओर बाउंड्रीवॉल बनाने और उस पर 20 फीट ऊंचाई तक जाली लगाने की भी अनुशंसा की। कमेटी ने ग्रामीणों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराए जाने और डंपिंग साइट पर काम कर रहे मजदूरों और ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने के लिए भी सुझाव दिया है।  



अनुशंसाओं को दो महीने के अंदर लागू करने का आदेश



आदमपुर डंपिंग साइट मामले में एनजीटी ने अपने आदेश में ज्वाइंट कमेटी की 16 बिंदुओं की रिपोर्ट को लागू करने के लिए नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी पीसीबी को दो महीने का वक्त दिया है। इसके अलावा तीन महीने का अतिरिक्त समय इसके क्रियान्वयन के लिए दिया है, लेकिन यहां पेंच पर्यावरणीय अनुमतियों को लेकर ही है। डंपिंग साइट में आग बुझाने के इंतजाम नहीं है और न ही साइट के अंदर का पूरा इलाका पक्का है। व्यवस्थाएं पर्याप्त नहीं होने की वजह से यहां पर्यावरणीय अनुमतियां मिलना इतना आसान नहीं होगा। 



निगम पर 1.80 करोड़ का जुर्माना, पर्यावरण सुधारने पर होगा खर्च



आदमपुर खंती के संचालन नगर निगम द्वारा की जा रही लापरवाही को देखते हुए एनजीटी ने हाल ही में 1.80 करोड़ का जुर्माना लगाया है। बता दें कि इसी मामले में एनजीटी ने अप्रैल में नगर निगम पर 1.5 करोड़ की पेनाल्टी लगाई थी, लेकिन निगम ने तीन महीने में इसे लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया, इसलिए एनजीटी ने 10 लाख रूपए प्रति महीने के हिसाब से निगम पर 30 लाख की पेनाल्टी और बढ़ा दी। 



पर्यावरण सुधारने के लिए खर्च होगी राशि



नगर निगम को दो महीने के अंदर जुर्माने की 1.8 करोड़ की राशि पीसीबी को सौंपनी होगी। जुर्माने की इस राशि का उपयोग आदमपुर खंती के आसपास पर्यावरण को सुधारने के लिए किया जाएगा। इसका एक्शन प्लान तैयार करने के लिए एनजीटी ने कलेक्टर, डीएफओ, पीसीबी और सीपीसीबी की एक ज्वाइंट कमेटी गठित की है। क्रियान्वयन होने के बाद नगर निगम और पीसीबी इसकी रिपोर्ट एनजीटी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे, जिसके बाद मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर 2023 को होगी।


MP News एमपी न्यूज भोपाल Bhopal Adampur dumping site illegal for five and a half years 1000 tons of garbage is reaching the capital every day आदमपुर डंपिंग साइट साढ़े पांच साल से चल रही अवैध रोज राजधानी से 1 हजार टन कचरा पहुंच रहा