स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में सूरत ने इन कामों से मारी बाजी, अगली बार इंदौर को देगा चुनौती

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Pooja Kumari
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स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में सूरत ने इन कामों से मारी बाजी, अगली बार इंदौर को देगा चुनौती

BHOPAL. केंद्र सरकार ने गुरुवार को स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 का रिजल्ट जारी किया। एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 7वीं बार इंदौर पहले स्थान पर रहा। साथ ही सूरत को भी इंदौर के साथ संयुक्त रूप से पहला स्थान मिला। महाराष्ट्र का नवी मुंबई तीसरे, आंध्र प्रदेश का विशाखापट्‌टनम चौथे और मध्य प्रदेश का भोपाल पांचवें नंबर पर रहा।

इंदौर को लगातार 7वीं बार स्वच्छ सर्वेक्षण का अवार्ड

नई दिल्ली में हुए आयोजन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों लगातार सातवीं बार इंदौर को देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब हासिल किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर लालवानी और निगमायुक्त हर्षिकासिंह के साथ पूरी एमआईसी मौजूद थी। अवार्ड लेने के लिए इंदौर से 85 लोग पहुंचे हैं। वहीं मप्र को सफाई अवार्ड में झटका लगा, वह देश में दूसरे नंबर पर सबसे सफाई वाला राज्य रहा। जानकारी के मुताबिक इंदौर को लगातार 7 बार से स्वच्छ सर्वेक्षण का अवार्ड मिला है। बता दें कि इंदोर को सूरत ने इस बार कड़ी टक्कर दी है।

ऐसे आया सूरत टॉप पर

सूरत इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण में पहले स्थान पर रहा। सूरत ने इंदौर के साथ संयुक्त रूप से टॉप रैंक हासिल की। बता दें साल 2022 में सूरत दूसरे स्थान पर था, लेकिन इस वर्ष सूरत ने पहले स्थान पर आने के लिए कई बड़े कदम उठाए। इस दौरान सूरत नगर निगम ने सफाई अभियान में तेजी लाने और लोगों को सार्वजनिक स्थान पर गंदगी फैलाने से रोकने के लिए सख्त कार्रवाई शुरू की थी। साथ ही नगर निगम की टीम ने सार्वजनिक प्रदूषण को रोकने के लिए शाम 7 बजे से चक्कर लगाना शुरू कर दिया था।

इस साल का थीम

स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की थीम "वेस्ट टू वेल्थ" पर केंद्रित है, जिसमें कचरे के प्रभावी प्रबंधन पर जोर दिया गया है। 4,477 शहरों के बीच आवंटित 9,500 अंकों में से, इंदौर और सूरत दोनों ने उच्चतम अंक हासिल किए। यह संयुक्त जीत स्वच्छता बनाए रखने और कचरे को मूल्यवान संसाधनों में परिवर्तित करके राष्ट्रव्यापी स्वच्छ भारत मिशन में योगदान देने के प्रति इन शहरों के समर्पण को रेखांकित करती है।

शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए रैंकिंग के पैरामीटर

स्वच्छता सर्वेक्षण में साफ और गंदगी मुक्त शहरों को रैंकिंग तय करने के लिए कई पैरामीटर इस्तेमाल किए जाते हैं। इसमें घर-घर कूड़ा इकठ्ठा करने से लेकर प्लास्टिक वाले कचरे का मैनेजमेंट तक शामिल है। इस बार 'मैनहोल' को 'मशीन होल ' में बदलने पर जोर देते हुए सफाईमित्र सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई थी। इसके लिए दोगुने अंक बढ़ाए गए थे। वेस्ट टू वंडर पार्क का नया पैरामीटर भी जोड़ा गया था। जिन शहरों ने इस पैरामीटर को पूरा किया, उसे नंबरों में 2% वेटेज दिया गया। शहरों से निकले कूड़े का तकनीक की मदद से कितना और क्या उपयोग किया जा रहा है, इस पर 40% वेटेज दिया गया। इसके अलावा रेड स्पॉट (कॉमर्शियल/रेसिडेंशियल एरिया में थूकना) को भी एक नए पैरामीटर के रूप में जोड़ा गया था।

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