इंदौर में अब SBI के रिटायर्ड अधिकारी को ED का डर दिखाकर किया डिजिटल अरेस्ट, 39.60 लाख वसूले

इंदौर में एक बार फिर डिजिटल अरेस्ट ( Digital arrest ) का मामला सामने आया है। इस बार बैंक के रिटायर्ड अफसर को ईडी का वारंट दिखाकर करीब 40 लाख रुपए ठग लिए हैं।

Advertisment
author-image
Sanjay gupta
New Update
रिटायर्ड अफसर से ठगी
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

इंदौर में डिजिटल अरेस्ट की एक और घटना सामने आई है। इस बार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के रिटायर्ड अधिकारी को ईडी का डर दिखाकर 39.60 लाख रुपए वसूले गए हैं।

दो दिन तक वह अपनों से भी दूर रहे और इस कदर डर गए कि बंद कमरे में रहे और सामने वालों को राशि ट्रांसफर कर दी। इंदौर में डिजिटल अरेस्ट का यह आठवां मामला है।

इस तरह आया ईडी अधिकारी बनकर फोन

क्राइम ब्रांच एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि घटना महालक्ष्मी नगर के सनसिटी कॉलोनी की है। 61 वर्षीय राकेश गोयल के साथ यह हुआ।

गोयल ने पुलिस को बताया कि 11 जुलाई को सुबह साढ़े दस बजे करीब अनजान नंबर से फोन आया। इसमें कहा गया कि वह ईडी अधिकारी है और कहा कि आपके नाम का ईडी ने वारंट जारी किया है।

आप पर मनी लॉन्ड्रिंग का चार्ज है। इसमें तुम्हारे बैंक खातों का उपयोग कर मनी ट्रांजेक्शन किया गया है। 

वारंट तक दिखा दिया फोन पर

गोयल ने पहले यकीन नहीं किया, इस पर ईडी अधिकारी बने हुए व्यक्ति ने वीडियो काल कर वांरट दिखा दिया। इससे गोयल डर गए। उनसे कहा कि जिन बैंक खातों में मनी ट्रांसफर हुआ, इसमें आपका आईडी भी लगा है और खाते भी। आपने किसी को घर में या बाहर बताया तो गिरफ्तार करेंगे। 

सत्यापन के नाम पर डलवा ली राशि

गोयल को फिर आरोपी ने कहा कि हम खातों को सत्यापन करेंगे। इसके लिए आपके खाते में जो भी रुपया गया है, उसे सरकारी खाते में डालना होगा, इसमें राशि का हम सत्यापन करेंगे और फिर आपको राशि लौटा देंगे।

गोयल ने पहले 21 लाख और फिर 18.60 लाख रुपए इन खातों में ट्रासंफर कर दिए, लेकिन राशि फिर रिटर्न नहीं आई।
 
पुलिस ने दी नसीहत

दंडोतिया ने बताया कि लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। कोई भी जांच एजेंसी मोबाइल पर कोई कार्रवाई नहीं करती है। यह सायबर क्राइम करने वाले पुलिस, ईडी, सीबीआई जैसी एजेंसियों का डर दिखाकर इस तरह की वारदात करते हैं।

क्या होता है डिजिटल अरेस्ट ?

डिजिटल अरेस्ट में संबंधित को विविध जांच एजेंसियों के अधिकारी बनकर फोन पर डराया जाता है, इसमें कई बार एआई के जरिए ऐसे नंबर से कॉल बताए जाते हैं और डीपी ऐसे आती है जैसे पुलिस अधिकारी हो (एसीपी को धमकाने में यही हुआ आईपीएस लिखा हुआ आया था)। फिर फोन पर बताया जाता है कि जांच चल रही है, जांच के नाम पर कई जानकारी ली जाती है, जिससे लगे कि सही में अधिकारी है, फिर बचने के लिए राशि मांगी जाती है। यह कई घंटों तक भी होता है और व्यक्ति इसी फोन कॉल में उलझा रहता है, ऐसे डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है।  

क्या करें पीड़ित

जानकारों के अनुसार ऐसे मामलों में सजग रहना होगा, जांच एजेंसिया इस तरह किसी को फोन नही करती है। सजग रहकर उनसे पता, दफ्तर पूछो और पूरा परिचय व अन्य जानकारी मांगों। दबाव में आने की जरूरत नहीं है। ब्लैकमेल राशि डलवाने की बात कर रहा है तो इसकी शिकायत पुलिस में करें। अपने बैंक की डिटेल किसी से भी साझा नहीं करें और ना ही किसी को राशि ट्रांसफर करें।

sanjay gupta

thesootr links


  द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

ED SBI इंदौर में डिजिटल अरेस्ट