संजय गुप्ता, INDORE. आठ नवंबर 2016, वह दिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक झटके में नोटबंदी करते हुए चल रहे 500 और एक हजार के नोट को तत्काल चलन से बाहर कर दिया था। इसके बाद तय समय में नोट बदलवाने का समय दिया गया और इसके बाद यह सभी नोट रद्दी हो गए। अब नोटबंदी के करीब सात साल बाद यह नोट बदलवाने का अनूठा मामला इंदौर में सामने आया है। पांच-पांच सौं के पुराने चार नोट यानि दो हजार रुपए, बदलकर एक व्यक्ति को दिए जाएंगे।
यह है पूरा मामला
जनवरी 2016 को लोकायुक्त ने आईडीए की संपदा शाखा में काम करने वाले बाबू मनीष शर्मा को फरियादी हेमराज जारवाल से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था और दो हजार रुपए नकद जब्त किए थे। लोकायुक्त ने इसका चालान पेश किया और केस चल रहा था। लेकिन जनवरी 2023 में मनीष (आरोपी) की मौत हो गई, जिसके चलते केस खत्म हो गया। तब कोर्ट के सामने सवाल आया कि केस खत्म तो फरियादी को उसके द्वारा दी गई रिश्वत दो हजार रुपए की नोट की वापसी होना है, लेकिन यह तो पुराने नोट है जो नोटबंदी में बंद हो चुके हैं। अब इस पर विशेष न्यायाधीश संजय गुप्ता ने आदेश दिया है कि आरबीआई कि किसी शाखा से यह नोट बदलवाकर फरियादी को दिलाए जाएं। अब इस आदेश के आधार पर लोकायुक्त व शासन फरियादी हेमराज को यह नोट बदलवाकर देगा।
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अब तो नोटबंदी 2.0 भी हो चुकी
नोटबंदी वन के बाद हाल ही में केंद्र ने नोटबंदी 2.0 भी जारी कर दी है। इसके तहत दो हजार के गुलाबी नोट को बंद किया गया है और इन्हें बदलवाने के लिए 29 सितंबर तक का समय आमजन को दिया गया है। हालांकि इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा है क्योंकि यह नोट कुल चलन में आए नोटों का मात्र दस फीसदी करीब ही हिस्सा है। वहीं इन्हें बदलवाने के लिए भी आरबीआई ने लंबा समय दिया है, जानकारी के अनुसार अभी तक बैंकों में दो तिहाई गुलाबी नोट पहुंच भी चुके हैं।