छत्तीसगढ़ के नए CM बने विष्णुदेव साय, जानिए कैसे सत्ता की कुर्सी पर हुए विराजमान, किसने दिया साथ और कैसे बनी रणनीति?

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Jitendra Shrivastava
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छत्तीसगढ़ के नए CM बने विष्णुदेव साय, जानिए कैसे सत्ता की कुर्सी पर हुए विराजमान, किसने दिया साथ और कैसे बनी रणनीति?

शिवम दुबे, CHATTISGARH. छत्तीसगढ़ का अगले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय होंगे। मुख्यमंत्री ने नाम पर विधायक दल की सहमति बन गई है। प्रदेश के दिग्गज आदिवासी नेता विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दे दी गई है। इसके लिए पूर्व सीएम रमन सिंह ने विष्णुदेव साय का नाम मुख्यमंत्री पद के नाम के लिए प्रस्ताव दिया। जिसपर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और बीजेपी के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने समर्थन किया है। जिसके बाद विधायक दल के नेता विष्णु देव साय चुने गए हैं। अब छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय होंगे।

कौन हैं विष्णुदेव साय?

विष्णुदेव राय छत्तीसगढ़ की कुनकुरी विधायक है और इसी इलाके के कांसाबेल से लगे बगिया गांव के रहने वाले हैं। राज्य में आदिवासी समुराय की आबादी सबसे अधिक है और वे इसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी गिनती रमन सिंह के करीबी लोगों में होती है। 1989 में अपने गांव बगिया से पंच पद से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले विष्णुदेव साय 1990 में निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुए थे। इसके बाद तपकरा से विधायक चुनकर 1990 से 1998 तक वे मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे।

सांसद भी रहे हैं विष्णु देव साय

विष्णुदेव साय इसके बाद 1999 में वे 13वीं लोकसभा के लिए रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें 2006 में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद 2009 में 15 वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में वे रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से फिर से सांसद बने। इसके बाद 2014 में 16 वीं लोकसभा के लिए वे फिर से रायगढ़ से सांसद बने। इस बार केंद्र में मोदी की सरकार ने उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री, इस्पात खान, श्रम, रोजगार मंत्रालय बनाया। वे 27 मई 2014 से 2019 तक इस पद पर रहे। पार्टी ने 2 दिसंबर 2022 को उन्हें राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया। इसके बाद विष्णुदेव साय 8 जुलाई 2023 को भाजपा ने राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य बनाया।

छत्तीसगढ़ प्रदेश की कमान भी सौपी गई

विष्णुदेव साय 2020 में भी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। संघ के करीबी नेताओं में उनकी गिनती होती है। विष्णुदेव साय की इसी मजबूत प्रोफाइल की वजह से उन्हें पार्टी ने यह जिम्मेदारी उन्हें सौंपी है।

बीजेपी का आदिवासी पर फोकस

विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनने के पीछे बीजेपी लंबे समय से एक सोची समझी रणनीति है। राजनीतिक विशेषज्ञ इसे आदिवासी और पिछड़े वर्ग को साधने की कोशिश बता रहे हैं। आदिवासियों को साधने के लिए बीजेपी ने एक तरीका ढूढ़ निकाला है, बीजेपी बड़े पदों पर ऐसे समाज के आदिवासी लोगों को मौका दे रही है। कुछ महीनों पहले इस देश को पहली आदिवासी राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू मिली थीं। अब पार्टी ने उसी नेरेटिव को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ को उसका दूसरा आदिवासी सीएम दे दिया है।

डॉ. रमन सिंह के करीबी माने जाते हैं साय

छत्तीसगढ़ में 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह के बाद अब बीजेपी के दूसरे और राज्य के चौथे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय होंगे। विष्णु देव साय डॉ रमन सिंह के बेहद करीबी माने जाते हैं। इतना ही नहीं खबरें यह भी है कि विष्णु देव साय आपसे संगठन के भी बेहद नजदीक रहे हैं। राजनीति में विष्णुदेव साय साफ-सुथरी छवि और लंबी राजनीतिक पारी खेलने वाले बड़े आदिवासी चेहरा भी हैं।

विष्णु देव साय को किस बात का मिला फायदा?

बीजेपी मुख्यमंत्री चुनती है तो उसका एक क्राइटेरिया रहता है। इसमे संघ से उसके रिश्ते को भी अहमियत दी जाती है। जानकारों की माने तो बीजेपी की अवधारणा ऐसी हो गई है कि अगर कोई संघ बैकग्राउंड से आता है या फिर जिसके संघ के साथ मजबूत रिश्ते रहते हैं, संगठनात्मक तौर पर वो ज्यादा मजबूत रहता है इसके साथ ही अनुशासन बनाए रखने में उसकी भूमिका सक्रिय रहती है। विष्णुदेव साय को भी इस बात का पूरा फायदा मिला है। उनका संघ का करीबी होना उन्हें पहले ही सीएम रेस में एक प्रबल दावेदार बना गया था।

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