किसानों के दर्द की दवा : किसानों के मसीहा बने बिहार के राजेश रंजन

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किसानों के दर्द की दवा : किसानों के मसीहा बने बिहार के राजेश रंजन

बिहार: आपने देखा होगा किसान मेहनत तो बहुत करते हैं, लेकिन उनकी मेहनत व्यर्थ तब हो जाती है जब उनके काम की जानकारी लोगों तक नहीं पहुंच पाती है। किसानों को भी अपने काम को लेकर पूरी जानकारी नहीं होती है। कौनसी फसलों की खेती करें, खेती को लेकर सरकार की योजनाएं, उनका लाभ कैसे लिया जा सकता है, कैसे अपने प्रोडक्ट को बेंच सकते हैं। ऐसे कई सवाल किसान के मन में होते हैं।

किसानों के मसीहा

किसानों के इस दर्द को समझा बिहार के रहने वाले राजेश रंजन ने। उन्होंने किसानों की परेशानियों को दूर करने के लिए एप लॉन्च किया। जिसमें किसानों की खेती से जुड़ी हर चीज की जानकारी होगी। इस एप के माध्यम से किसान अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग भी कर सकते हैं और एक्स्पर्ट से चर्चा भी कर सकते हैं। इस एप के जरिए देशभर के 35 लाख से ज्यादा किसान जुड़े हैं और पिछले दो साल में किसानों ने इस स्टार्टअप से 200 करोड़ से ज्यादा की कमाई की है।

कौन हैं राजेश रंजन

एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले राजेश रंजन 29 साल के हैं। राजेश ने 2015 में IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग किया। इसके बाद उन्होंने खुद का स्टार्टअप शुरू किया। इससे वे रिटेल औऱ सप्लाई चेन को लेकर काम करते हैं। एक बड़ी कंपनी ने उनके स्टार्टअप को टेकओवर कर लिया।

किसानों के लिए काम करने का जुनून

राजेश रंजन का कहना है कि नौकरी करते वक्त मैंने सोचा कि मैं जिस बैकग्राउंड से आया हूं। क्या मैं मैं उन लोगों के लिए काम कर पा रहा हूं। क्या उन्हें मेरे काम से कोई मदद मिल रही है। ये सब सोचकर मैंने 2019 में नौकरी छोड़ दी। राजेश ने नौकरी छोड़ने के बाद कई राज्यों में जाकर किसानों से मुलाकात की और उनकी परेशानियों को समझा। ज्यादातर किसानों की समस्या ये थी कि किसान मेहनत तो करते हैं लेकिन कमाई नहीं कर पाते।

किसानों के लिए एप लॉन्च

किसानों को लेकर राजेश रंजन ने तय किया कि क्यों न ऐसा किया जाए कि एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार किया जाए जिसके जरिए किसानों को खेती से संबंधित हर तरह की जानकारी प्राप्त हो सके। राजेश ने 2019 में krishify नाम से अपना स्टार्टअप लॉन्च किया।

किसानों की बदली दुनिया