बैतूल में ईएलसी चर्च व स्कूल की जमीन पर मॉल बनाने के विरोध में सड़क पर उतरा ईसाई समाज, एक साल पहले हुई FIR के बाद भी कार्रवाई नहीं

author-image
Jitendra Shrivastava
एडिट
New Update
बैतूल में ईएलसी चर्च व स्कूल की जमीन पर मॉल बनाने के विरोध में सड़क पर उतरा ईसाई समाज, एक साल पहले हुई FIR के बाद भी कार्रवाई नहीं

शशांक सोनकपुरिया, BETUL. मध्यप्रदेश के बैतूल में कुछ दिनों पूर्व ही एक खबर Thesootr ने प्रमुखता से उठाई थी। इसमें शासकीय लीज पर संस्था को दी गई जमीन पर कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा था। यहां ये बाते भी सामने आई थी कि मात्र 100 रुपए के स्टाम्प पर लिखा पढ़ी करके निर्माण करवाया जा रहा है और तो और रजिस्ट्री करवाने की भी बातें सामने आ रही थी। इस मामले में लीज की जमीन बेचने वालों के खिलाफ एफआईआर के एक साल बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पुलिस और प्रशासन के अफसरों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस मामले को लेकर आज ईसाई समुदाय के लोग पूरे मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ से बैतूल पहुंचे हैं।



अब ईसाई समाज भी इस मामले में कार्यवाही की मांग कर रहा है 



इस पूरे मामले का सच जानने जब the sootr की टीम ने मौके का निरीक्षण किया और सच जानने का प्रयास किया तो सामने आया कि यह निर्माण कार्य संस्था द्वारा ही करवाया जा रहा था। इस कार्य में दो लोगों अरुण गोठी और पुलकित मालवीय को प्रमोटर बनाया गया था। मामले में अब ईसाई समाज के लोग भी आगे आए हैं और मामले में कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे है जैसा कि Thesootr की खबर का असर यहां देखने को मिला है। 



संस्था के पदाधिकारी जमीन का व्यवसायिक उपयोग करने लगे हैं 



इस खबर के बाद समाज के लोग एकजुट हुए और आज महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पूरे मध्यप्रदेश एवम बैतूल जिले के ईसाई समुदाय के लोग बड़ी संख्या में बैतूल पहुंचे। जहां जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन एडिशनल कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और दोषियों पर सख्त कार्यवाही की मांग की है। जमीन की सौदेबाजी और व्यवसायिकरण होने से रोकने की भी मांग की है। समाज के लोगों का कहना है हमें यह भूमि सेवाकार्य जैसे स्कूल, कॉलेज, अस्पताल निर्माण कर समाज सेवा के लिए लीज पर दी गई थी, लेकिन संस्था के पदाधिकारी लाभ कमाने के दृष्टिकोण से इस जमीन का व्यवसायिक उपयोग करने लगे हैं। 



यह खबर भी पढ़ें






ईओडब्ल्यू के मामले का संज्ञान लेने के बाद अनुमतियां निरस्त की गई



मामले में प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जा रही है। जिस तरह से जांच अधिकारी मीडिया के सवालों का जवाब देने से बच रहे हैं इसमें कहीं न कहीं अधिकारी भी संस्था को संरक्षण दे रहे हैं। ऐसे आरोप भी ईसाई समुदाय के लोगों ने लगाए हैं। अब ईओडब्ल्यू के मामले का संज्ञान लेने के बाद ही अनुमतियां निरस्त की गई। पहले ही इनको परमिशन किसने दी कैसे परमिशन मिल गई यह भी जांच का विषय है। अब देखना यह है कि इस मामले में हमारे जिले के कलेक्टर क्या कदम उठाएंगे। साथ ही फर्जी कागजात बनाकर भूमि का इस तरह से गलत उपयोग करने पर क्या मामला बनाया जाएगा, ये भी देखना होगा।





यह है पूरा मामला



आपको बता दें कि छिंदवाड़ा की मिशनरी सोसायटी दी इवेंजीलिकल लूथरन चर्च इन मप्र सोसायटी (ईएलसी छिंदवाड़ा) को बैतूल में लीज पर मिली थी। इस बेशकीमती जमीन को ईएलसी के पदाधिकारियों ने 100 रुपए के स्टांप पर बिल्डर को बेच दी। इस जमीन की 2021 की गाइडलाइन के अनुसार 13 करोड़ रुपए कीमत आंकी गई थी, जो अब और बढ़ गई। ईएलसी के पदाधिकारियों ने यह जमीन अपने मालिकाना हक की बताकर बेची है, जबकि इसका मालिकाना हक मप्र शासन है। ईओडब्ल्यू ने इसकी शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी। ईओडब्ल्यू की अब तक की जांच में पता चला है कि 223515 वर्गफीट जमीन पर लगभग 340 करोड़ रुपए का तीन मंजिला कमर्शियल प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। खास बात यह भी है कि जमीन के सौदे के लिए किए गए एमओयू / एग्रीमेंट में ईएलसी और बिल्डर ने 50-50 प्रतिशत लाभांश का जिक्र किया है। मप्र शासन ने यह जमीन ईएलसी को स्कूल/शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन और मिशनरी के रहने के लिए 1965 में लीज पर दी थी। इसे न बेचा जा सकता है और न ही इस पर किसी तरह का व्यावसायिक निर्माण किया जा सकता है। न ही इस जमीन का गैर शैक्षणिक उपयोग किया जा सकता है। सोसायटी के धर्मगुरु सुरेंद्र कुमार सुक्का (एसके सुक्का) आर्चडीकन, ईएलसी और स्कूल के प्रिंसिपल मुकेश मोजेस (इंग्लिश स्कूल बैतूल) ने कागजों में हेरफेर बैतूल के कांग्रेस नेता और जीएम बिल्डर के अरुण गोठी, पुलकित मालवी को ग्राम बैतूल के कोठी बाजार गांधीवार्ड में स्थित नजूल शीट क्रमांक- 12 के प्लॉट नंबर 7/1 की 223515 वर्गफीट जमीन बेच दी। शैक्षणिक गतिविधियों के लिए आरक्षित जमीन का परमार्थ रुप से शैक्षणिक ही उपयोग किया जा सकता है, लेकिन मिलीभगत करके जमीन का प्रयोजन भी बदल डाला। अब जमीन का कमर्शियल डायवर्शन करवाकर यहां मॉल/ शापिंग कॉम्प्लेक्स का अर्थ वर्क पूरा कर लिया गया है। ईओडब्ल्यू की जांच के बाद से मौके पर काम रोक दिया गया। 



जांच के बाद बिल्डिंग परमिशन निरस्त 



ईओडब्ल्यू ने छानबीन शुरू की तो बैतूल नगर पालिका परिषद ने बिल्डिंग परमिशन निरस्त कर दी। अब ईओडब्ल्यू जमीन के सौदे में लिए गए नकदी और सरकारी जमीन के क्रय-विक्रय में शामिल बिल्डर और ईएलसी के अधिकृत-अनाधिकृत पदाधिकारियों के खिलाफ जांच कर रहा है। सूत्रों के अनुसार कुछ ओर अभिलेखों की छानबीन के बाद ईओडब्ल्यू जल्दी की प्रकरण दर्ज कर सकता है।


no action even after FIR Christian community on the road MP News opposition to building a mall in Betul ELC church and school land in Betul एमपी न्यूज FIR के बाद भी कार्रवाई नहीं सड़क पर उतरा ईसाई समाज बैतूल में मॉल बनाने का विरोध बैतूल में ईएलसी चर्च और स्कूल की जमीन