JAIPUR. राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों की दो सूचियां जारी हो चुकी हैं और इनमें घोषित प्रत्याशियों को लेकर जिस तरह का विरोध प्रदर्शन सामने आ रहा है वैसा भारतीय जनता पार्टी में पहली बार देखा गया है। राजसमंद जिले में तोड़फोड़ जयपुर में मुख्यालय पर टायरों को जलाया जाना और इस्तीफों के दौर को देखते हुए पार्टी ने भी अब सख्त एक्शन लेना शुरू कर दिया है।
सीपी जोशी के घर विरोध करने पहुंचे कार्यकर्ता
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट वितरण को लेकर विरोध प्रदर्शन सामने आते रहे हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी में आमतौर पर यह काफी संयमित रहते हैं। इस तरह के प्रदर्शन ज्यादातर कांग्रेस में देखने को मिलते रहे हैं, लेकिन इस बार स्थिति उलट दिख रही है। बीजेपी की पहली सूची 9 अक्टूबर को जारी हुई थी और उसके बाद से लगातार अलग-अलग सीटों पर विरोध प्रदर्शन की स्थिति सामने आ रही है। शनिवार को जारी हुई सूची के बाद तो सीधे प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी तक विरोध प्रदर्शन की चपेट में आ गए और विरोध उनके घर तक पहुंच गया। जयपुर में भी पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं के उग्र प्रदर्शन देखे गए। राजसमंद में कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय पर ही जम कर तोड़फोड़ कर दी।
पैराशूट उम्मीदवारों को लेकर विरोध शुरू
राजस्थान में सत्ता के महासंग्राम में बीजेपी कांग्रेस से आगे चल रही है। चाहे वह चुनाव अभियान शुरू करना हो या फिर टिकट वितरण। हालांकि, बीजेपी आंतरिक विरोध में भी कांग्रेस से आगे है। बीजेपी ने प्रत्याशियों की दो सूचियां जारी कर 124 नाम तय कर दिए हैं। पहली सूची 9 अक्टूबर को जारी हुई थी। 41 प्रत्याशियों की इस सूची में सात सांसदों को टिकट दिया था। टिकट वितरण के साथ 7 में से 6 सांसदों और कुछ जगह पर पैराशूट उम्मदिवारों को लेकर विरोध शुरू हो गया। इस बीच बीजेपी ने दो दिन पहले ही 83 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी। हालांकि, इस सूची में सबको साधने की कोशिश की गई, लेकिन इस सूची में करीब 7 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे गए, जिसके बाद पहले से ज्यादा उग्रता के साथ प्रदेश की कई विधानसभा सीटों पर विरोध सामने आ रहा है। दूसरी सूची में जिन 7 मौजूद विधायकों के टिकट काटे गए, उसमे चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट कटने के साथ ही चित्तौड़गढ़ में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया। समर्थकों ने सीधे-सीधे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और स्थानीय सांसद सीपी जोशी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कार्यकर्ताओं ने उनके आवास पर पथराव तक कर दिया। सांगानेर से टिकट काटे जाने पर खफा अशोक लाहोटी के समर्थक बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंच गए और जमकर नारेबाजी कर टायर जलाए।
झाड़ोल में भी बगावत सामने आई
विरोध के स्वर राजधानी जयपुर और चित्तौड़ के अलावा प्रतापगढ़ में भी उठने लगे हैं। नाराज कार्यकर्ताओं ने प्रतापगढ़ विधानसभा में वंशवाद और 16 हजार से अधिक वोटों से हारने के वाले को टिकट देने का आरोप लगाते हुए बड़ी संख्या में सीपी जोशी और वसुंधरा राजे के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश जताया। उधर उदयपुर में उप महापौर पारस सिंघवी ने समर्थकों के साथ बैठक की और आज शहर में स्वाभिमान रैली तक निकाल डाली। झाड़ोल में भी बगावत सामने आई है। वर्तमान विधायक बाबूलाल खराड़ी को छठी बार मैदान में उतारने से कार्यकर्ता विरोध में उतर गए हैं।
पार्टी ने शुरू किया एक्शन
उधर भाजपा ने बढ़ते इस विरोध का डैमेज कंट्रोल करने के लिए सख्त एक्शन लेना भी शुरू कर दिया है। बीजेपी प्रदेश अनुशासन समिति अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने राजसमंद में भारतीय जनता पार्टी जिला कार्यालय में तोडफोड़ करने और हिंसक प्रदर्शन के लिए उकसा कर अनुशासन भंग करने के आरोप में बीजेपी के सदस्य अजय प्रजापत, देवी लाल जटीया, हिम्मत कुमावत और मुकेश शर्मा को अविलंब प्रभाव से बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। इन चारों कार्यकर्ता उक्त आरोप में जांच के दौरान बीजेपी से निलंबित रहेंगे। कार्यकर्ताओं में आक्रोश पर प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का कहना है कि बीजेपी में एक व्यक्ति का नहीं, सामूहिक निर्णय होता है। सामूहिकता से सारे निर्णय से निकली सूची को लेकर लोगों में उत्साह है। बीजेपी के प्रति विश्वास है। सारे निर्णय पार्लियामेंटरी बोर्ड में होते हैं। कमल खिलाने के लिए सभी लोग मिल-बैठकर बात कर लेंगे। वहीं, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आक्रोश की बात को सिरे से ही नकार दिया। राठौड़ ने कहा कि कोई विरोध नहीं है। सामूहिकता के आधार पर हमने निर्णय लिया है। किसी का किसी से कोई व्यक्तिगत खुन्नस नहीं निकाली है। जो भी है वो आलाकमान का फैसला है।
गहलोत बोले ऐसा पहली बार देखा
विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के टिकट वितरण के बीच सोमवार को जोधपुर आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा में टिकट वितरण के बाद जिस तरीके से तोड़फोड़ और आगजनी हो रही है ऐसा मैं पहली बार देख रहा हूं। ऐसा माहौल किसी भी पार्टी में आज तक नहीं देखा गया। जो स्थितियां बनीं हैं, भाजपा में इस पर रिसर्च होनी चाहिए। पार्टी में बिखराव हो रहा है।