राजस्थान में टिकट बंटवारे में इस बार भी जाटों का वर्चस्व, बीजेपी को मुस्लिमों से पूरी तरह परहेज

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Pratibha Rana
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राजस्थान में टिकट बंटवारे में इस बार भी जाटों का वर्चस्व, बीजेपी को मुस्लिमों से पूरी तरह परहेज

मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के टिकट वितरण में इस बार भी प्रदेश के सबसे बड़े जातिगत वोट बैंक माने जाने वाले जाट समुदाय का वर्चस्व दिख रहा है। वहीं मुस्लिम समुदाय की बात की जाए तो बीजेपी ने जहां इस बार इस समुदाय से पूरी तरह परहेज किया है, वहीं कांग्रेस ने पिछली बार के मुकाबले एक सीट कम दी है।

मुस्लिम समाज से पूरी तरह परहेज

राजस्थान की चुनावी राजनीति में जाति के आधार पर प्रत्याशियों का चयन और उनकी जीत एक कड़वी सच्चाई है, जो 21वीं सदी के 23वें सालों में भी ज्यों की त्यों कायम है। प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशी चयन में इसका असर साफ तौर पर दिखता है। इसके साथ ही अपने वोट बैंक के हिसाब से टिकट देने की परंपरा इस बार भी कायम है। बीजेपी ने अपने कोर वोट बैंक माने जाने वाले राजपूत, वैश्य और ब्राहम्ण समुदाय को कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा टिकट दिए हैं। वहीं मुस्लिम समाज से पूरी तरह परहेज किया है। उधर, कांग्रेस ने पिछली बार से एक सीट कम दी है, लेकिन 14 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा हैं।

जाटों का वर्चस्व कायम

राजस्थान के उत्तर पश्चिम के सीकर, चूरू, झुंझुनूं, हनुमानगढ, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, बाडमेर और पूर्वी राजस्थान के भरतपुर और धौलपुर जिलों में यह समुदाय सबसे ज्यादा है। प्रदेश की आबादी में इनकी संख्या करीब 12 प्रतिशत मानी जाती है। यही कारण है कि दोनों ही दल इस समुदाय के प्रत्याशियों की अनदेखी नहीं कर पाते है। इस बार के चुनाव में भी दोनों ही दलों ने सबसे ज्यादा टिकट इसी समुदाय को दिए हैं। हालांकि यह समुदाय इससे संतुष्ट नहीं है। जाटों ने इस वर्ष अप्रैल में और इसके बाद हाल में पिछले माह बड़ी बैठकें कर अपना प्रतिनिधित्व और बढ़ाने की मांग उठाई है और दोनों ही दलों ने इस मांग को मानते हुए पिछली बार के मुकाबले टिकट बढ़ाए भी हैं। दरअसल यह समुदाय लंबे समय से प्रदेश में एक जाट मुख्यमंत्री का सपना देख रहा है, लेकिन यह सम्भव नहीं हो पा रहा है।

2018

  • बीजेपी - 30 प्रत्याशी में से 11 जीते
  • कांग्रेस - 31 प्रत्याशी में से 17 जीते
  • इस बार बीजेपी ने 33 और कांग्रेस ने 36 प्रत्याशियों को टिकट दिए है।

मुस्लिम समुदाय से बीजेपी का परहेज

मुस्लिम समुदाय परम्परागत तौर पर कांग्रेस का ही वोट बैंक माना जाता है। बीजेपी को मुसमलानों के वोट नहीं के बराबर मिलते हैं। पिछले चुनाव की स्थिति यह थी कि जयपुर के मुस्लिम बाहुल्य बूथों पर पार्टी को दो से चार वोट ही मिल पाए थे। यही कारण है कि इस बार पार्टी ने मुस्लिम समुदाय से पूरी तरह परहेज किया है। पिछली बार वसुंधरा सरकार के मंत्री युनूस खान को टिकट मिल गया था, लेकिन इस बार तो उन्हें भी वंचित कर दिया गया। स्थिति यह तक देखने में आई कि एक प्रत्याशी के बारे में जब यह पता चला कि उसने धर्म के मामले में गलत जानकारी दी है तो उसका टिकट बदल दिया गया। ऐसा अजमेर जिले की मसूदा सीट से अभिषेक सिंह के साथ हुआ। पार्टी को दिए अपने बायोडाटा में उन्होंने खुद को रावत राजपूत बताया था, लेकिन एक सरकारी दस्तावेज में पता चला कि उनकी जाति मेहरात है जो इस इलाके में कन्र्वेटेड मुस्लिम माने जाते हैं। जानकारी सामने आते ही पार्टी ने टिकट बदल कर वीरेन्द्र कानावत को दे दिया। वहीं कांग्रेस का मुस्लिम प्रेम लगातार जारी है। पार्टी ने पिछली बार इस समुदाय को 15 टिकट दिए थे। वहीं इस बार 14 टिकट दिए हैं।

मुस्लिम

2018

  • बीजेपी - 1 प्रत्याशी में को टिकट दिया था, लेकिन वह हार गया
  • कांग्रेस - 15 प्रत्याशी में से 8 जीते
  • इस बार बीजेपी ने किसी को भी टिकट नहीं दिया है। जबकि कांग्रेस ने 14 प्रत्याशियों को टिकट दिए है।

अन्य समुदायों की स्थिति

अन्य समुदायों की बात की जाए तो दोनों ही दलों ने अपने वोट बैंक के हिसाब से टिकट दिए हैं। अनुसूचित जाति और जनजाति की सीटें चूंकि पहले से ही आरक्षित हैं, इसलिए उन्हें उनकी सीटों के हिसाब से ही टिकट दिए गए हैं, हालांकि अनुसूचित जनजाति के टिकट आरक्षित सीटों के मुकाबले ज्यादा है, क्योंकि इसमें मीणा समुदाय शामिल है जो जाटों के बाद एक और बहुत बड़ा वोट बैंक है और यही कारण है कि कई जनरल सीटों पर भी मीणा या अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को टिकट दिए गए हैं।

वैश्य समाज

2018

  • बीजेपी - 13 प्रत्याशी में से 7 जीते
  • कांग्रेस - 13 प्रत्याशी में से 7 जीते
  • इस बार बीजेपी ने 11 और कांग्रेस ने भी 11 प्रत्याशियों को टिकट दिए है।

राजपूत

2018 

  • बीजेपी -26 प्रत्याशी में से 10 जीते
  • कांग्रेस - 16 प्रत्याशी में से 8 जीते
  • इस बार बीजेपी ने 25 और कांग्रेस ने 17 प्रत्याशियों को टिकट दिए है।


ब्राहम्ण

2018

  • बीजेपी -20 प्रत्याशी में से 10 जीते
  • कांग्रेस - 22 प्रत्याशी में से 9 जीते
  • इस बार बीजेपी ने 20 और कांग्रेस ने 16 प्रत्याशियों को टिकट दिए है।

अनुसूचित जाति

2018

  • बीजेपी -34 प्रत्याशी में से 12 जीते
  • कांग्रेस - 35 प्रत्याशी में से 20 जीते
  • इस बार बीजेपी ने 34 और कांग्रेस ने भी 34 प्रत्याशियों को टिकट दिए है।

अनुसूचित जनजाति

2018

  • बीजेपी -28 प्रत्याशी में से 10 जीते
  • कांग्रेस - 29 प्रत्याशी में से 15 जीते
  • इस बार बीजेपी ने 30 और कांग्रेस ने भी 33 प्रत्याशियों को टिकट दिए है।

गुर्जर

2018

  • बीजेपी -9 प्रत्याशी को टिकट दिया था, लेकिन वह हार गया
  • कांग्रेस - 12 प्रत्याशी में से 7 जीते
  • इस बार बीजेपी ने 10 और कांग्रेस ने भी 11 प्रत्याशियों को टिकट दिए है।

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